Lucknow University: पूरे UP में राम मंदिर की तलाश करेगा LU, राम सर्किट की संरचना होगी तैयार
Lucknow University: यह टीम जोन वाइज प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जाकर राम मंदिर की तलाश करेगी। मंदिरों को खोजने में ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों और विधायकों की भी मदद ली जाएगी।;
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के मानव विज्ञान विभाग की ओर से यूपी में राम मंदिरों की तलाश की जाएगी। इसके लिए प्रदेश को अलग-अलग जोन में बांटा जाएगा। उसी के आधार पर 10-10 लोगों की टीम गठित की जाएगी। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर केया पांडेय की अगुवाई में टीम कार्य करेगी। जिसमें शोधार्थियों और स्नातक व परास्नातक पाठ्यक्रम के छात्रों को शामिल किया जाएगा। यह टीम जोन वाइज प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जाकर राम मंदिर की तलाश करेगी। मंदिरों को खोजने में ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों और विधायकों की भी मदद ली जाएगी। इसके अलावा राजस्व विभाग के स्थानीय अधिकारियों से भी जानकारी इकट्ठी की जाएगी। डाटा तैयार करने में स्थानीय लोगों का भी सहारा लिया जाएगा।
पर्यटन विभाग को जीर्णोद्धार के लिए सौंपा जाएगा डाटा
मानव विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर केया पांडेय का कहना है कि राम मंदिरों को तलाशने का काम जल्द से जल्द शुरू किया जाएगा। विभाग ने इसे लेकर तैयारी पूरी कर ली है। टीमों के गठन का कार्य जारी है। प्रो. केया के अनुसार, वर्ष 2025 के मार्च माह तक पूरा डाटा चरणबद्ध तरीके से तैयार कर लिया जाएगा। जिसके बाद राम मंदिरों का डाटा पर्यटन विभाग को भेज दिया जाएगा। जिससे वह राम मंदिरों का जीर्णोद्धार कर सकें।
‘एलयू की क्षमता को प्रदर्शित करेगी यह रिसर्च’
कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि पूरे देश में इस समय जिस तरह का वातावरण है, वैसे पल में यह शोधपरक कार्य विश्वविद्यालय की क्षमता को प्रदर्शित करता है। इससे संस्था न सिर्फ समाज के हितकारी कार्यों को करने में योगदान दे रही है बल्कि समाज व राष्ट्र निर्माण में भी अपनी भूमिका निभा रही है। प्रो. राय का कहना है कि इस तरह के शोध मील का पत्थर साबित होंगे। जिससे समाज में यह संदेश भी जाएगा कि विश्वविद्यालय सिर्फ विज्ञान आधारित शोध ही नहीं करते।
‘राम सर्किट’ से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा
विभागाध्यक्ष प्रोफेसर केया पांडेय ने बताया कि प्रदेश भर के मंदिरों का डाटा बनने के बाद एक ‘राम सर्किट’ की संरचना बन जाएगी। इससे देशवासियों को प्रदेश के अन्य राम मंदिरों के इतिहास और उससे जुड़ी सांस्कृतिक मान्यताओं के बारे में पता चल सकेगा। अयोध्या आने वाले पर्यटक प्रदेश के अन्य जिलों में भी बने राम मंदिर जा सकेंगे। इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
रिसर्च के जरिए इन विषयों का अध्ययन
- ग्रामीण राम मंदिरों से जुड़ी अद्वितीय सांस्कृतिक प्रथा, अनुष्ठान और मान्यता।
- ग्रामीण समुदाय की सामाजिक संरचना।
- ऐतिहासिक पृष्ठिभूमि।
- आर्थिक प्रभाव में पर्यटन, स्थानीय व्यवसायों और मंदिर की गतिविधियों से संबंधित रोजगार के अवसर।
- मंदिरों के डिजाइन और सजावट में अंतर्निहित सांस्कृतिक अर्थ।
- सामुदायिक पहचान के निर्माण, स्थानीय आबादी के बीच अपनेपन की भावना और साझा सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने में योगदान।
- लिंग भूमिकाओं पर प्रभाव।