Lucknow News: माफिया डान मुख्तार की पत्नी को बेच दी वक्फ की जमीन, बोर्ड ने अपनाया कड़ा रूख, निरीक्षक निलंबित
Lucknow News: बोर्ड इस मामले में मुख्तार की पत्नी अफशां और संबंधित अन्य लोगों को नोटिस भेजेगा।
Lucknow News: मुख्तार और उसके परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब वक्फ की जमीन को अवैध रूप से माफिया डान की पत्नी को बेचने के मामले में उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने कड़ा रूख अपनाया है। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने लखनऊ की एक वक्फ संपत्ति को माफिया डान मुख्तार अंसारी की पत्नी को अवैध रूप से बेचने के मामले में मंगलवार को निरीक्षक को निलंबित कर दिया। बोर्ड इस मामले में मुख्तार की पत्नी अफशां और संबंधित अन्य लोगों को नोटिस भेजेगा।
बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने बताया कि राजधानी लखनऊ के सआदतगंज थाना क्षेत्र में स्थित वक्फ दारोगा मीर वाजिद अली की एक जमीन 25 अप्रैल 2013 को मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी को अवैध रूप से बेची गई थी। उन्होंने बताया कि इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए वक्फ निरीक्षक मुंतजिर महदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
भेजा नोटिस, दिया 15 दिन का समय
उन्होंने बताया कि इस मामले में अफशां अंसारी और संबंधित जमीन के बेचने वाले नजमुल हसन और संबंधित अन्य लोगों को नोटिस भेजा जाएगा। नोटिस में उनसे पूछा जाएगा कि आखिर बेचने वाले ने किस अधिकार से उस जमीन को बेचा और खरीदार ने बिना जांचे-परखे उसे कैसे खरीद लिया। दोनों पक्षों को अपनी बात रखने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उसके बाद वक्फ अधिनियम की धारा 52 के तहत कार्यवाही करके जिला प्रशासन से गुजारिश की जाएगी कि वह उस जमीन पर वक्फ बोर्ड को कब्जा दिलाए।
बांदा जेल में बंद है माफिया
मुख्तार अंसारी इस समय बांदा जेल में बंद है। उस पर विभिन्न आपराधिक मामले अदालतों में चल रहे हैं। वहीं उसे कृष्णानंद राय हत्याकांड में कोर्ट द्वारा सजा भी सुनाई जा चुकी है। वहीं, उसकी पत्नी अफशां अंसारी फरार है। वक्फ दारोगा मीर वाजिद अली में वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामले में मुतवल्ली अब्बास अमीर को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। मीर वाजिद अली की ही थाना हसनगंज स्थित अनूप गोयल और नंदकिशोर वर्मा नामक व्यक्तियों की एक निजी संपत्ति को जालसाजी से वक्फ अभिलेखों में दर्ज कर लिया गया था। उन्होंने बताया कि मामला सामने आने पर उन्हें बोर्ड के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है। साथ ही इस कार्रवाई के बारे में लखनऊ के जिलाधिकारी को भी सूचित कर दिया गया है।