Teacher’s Day 2024: बच्चों को पढ़ाने का मधु ने निकाला नया तरीका, राज्य सरकार ने दिया ये इनाम

Lucknow News: महमूदपुर प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापक मधु यादव के पढ़ाने का तरीका बाकी शिक्षकों से काफी अलग है। वह बच्चों को छोटे-छोटे ग्रुप में बांटकर पढ़ाती हैं। जिससे हर एक बच्चे पर बराबर ध्यान दिया जा सके।

Report :  Abhishek Mishra
Update: 2024-09-05 05:00 GMT

Teacher’s Day: उत्तर प्रदेश के 41 शिक्षकों को शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। इसके लिए लखनऊ के गोसाईगंज विकासखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय महमूदपुर की प्रधानाध्यपक मधु यादव को भी चुना गया है। बता दें कि पुरस्कार के लिए चयनित होने वाली वह राजधानी की एक मात्र शिक्षिका हैं।

मधु यादव को मिला राज्य अध्यापक पुरस्कार

महमूदपुर प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापक मधु यादव के पढ़ाने का तरीका बाकी शिक्षकों से काफी अलग है। वह बच्चों को छोटे-छोटे ग्रुप में बांटकर पढ़ाती हैं। जिससे हर एक बच्चे पर बराबर ध्यान दिया जा सके। इसके अलावा मधु बच्चों को पढ़ाने के लिए नए-नए तरीकों का भी प्रयोग करती रहती हैं। उन्हें विद्यालय में बच्चों की संख्या बढ़ाने और उनका सर्वांगीण विकास करने के लिए इस पुरस्कार से नवाजा जा रहा है।


इनोवेटिक तरीके से पढ़ाती हैं मधु

मधु यादव बच्चों को स्मार्ट क्लास के माध्यम से पढ़ाती हैं। वहीं छात्रों को भी उनके इनोवेटिव तरीके काफी पसंद आते हैं। इन प्रयासों के चलते ही आज महमूदपुर प्राथमिक विद्यालय कहीं से भी प्राइवेट स्कूल से पीछे नहीं हैं। जानकारी के अनुसार मधु यादव की तैनाती प्राथमिक विद्यालय महमूदपुर में वर्ष 2013 में हुई। उस समय बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ते थे। उनके प्रयासों को देखते हुए सीएसआर फंड के तहत बैंक ऑफ बड़ौदा की तरफ से विद्यालय को फर्नीचर मिला। कुछ स्थानीय लोग भी मदद के लिए आगे आए। इसके बाद स्कूल की बिल्डिंग के रखरखाव और सफाई सहित अन्य बिंदुओं पर योजनाबद्ध तरीके से काम किया।


2022 में सीएम योगी ने दिया था प्रशस्ति पत्र

गोसाईगंज के महमूदपुर प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका का राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिये चयन हुआ है। इन्होंने खेल खेल के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने की तरकीब, सांस्कृतिक और खेलकूद गतिविधियों में बच्चे निपुण हैं। वर्ष 2022 में निपुण लक्ष्य पूरा करने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानाध्यापिका को प्रशस्ति पत्र दिया था।

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