Lucknow News: लखनऊ में भी बसता है 'मिनी मथुरा', इन रूपों में विराजे भगवान श्री कृष्ण

Lucknow News: संयोजक अनुराग साहू ने बताया कि मंदिर में श्री कृष्ण प्राकट्‌योत्सव पर श्वेत बनारसी वस्त्रों, चांदी के मुकुट धारण कराकर श्री राधा-माधव का भव्य फूलों का श्रृंगार किया जाता है। श्रीकृष्ण का पंचाभिषेक कर 56 भोग लगाया जाता है।

Report :  Abhishek Mishra
Update: 2024-08-24 08:30 GMT

Lucknow News: भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव शहर में हर वर्ष बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। राजधानी में भी मथुरा का प्रतिबिंब झलकता है। कृष्ण भक्त भगवान के जन्मोत्सव के साथ छ्ठोत्सव मानते हैं। अलग अलग स्थानों पर जन्माष्टमी के मौके पर झांकियां सजाई जाती हैं। कई मंदिरों के साथ थानों, कोतवालियों, पुलिस लाइन और पीएससी मुख्यालय में त्योहार की तैयारी चल रही है। 26 अगस्त को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जायेगा। 

फूलों से होगा भगवान का श्रृंगार

डालीगंज स्थित श्री राधा माधव मंदिर में आज भी 62 साल पुरानी परंपरा चली आ रही है। स्व. मुन्नू लाल साहू की धर्म पत्नी शीतला देवी की प्रेरणा से यह मंदिर स्थापित किया गया था। मंदिर में जयपुर के मूर्तिकार ने भगवान श्री कृष्ण की रास लीलाओं दीवारों पर मढ़ा है। मंदिर के संयोजक अनुराग साहू ने बताया कि मंदिर में श्री कृष्ण प्राकट्‌योत्सव पर श्वेत बनारसी वस्त्रों, चांदी के मुकुट धारण कराकर श्री राधा-माधव का भव्य फूलों का श्रृंगार किया जाता है। श्रीकृष्ण का पंचाभिषेक कर 56 भोग लगाया जाता है। 15 फीट की ऊंचाई पर दही-मटकी सजाई जा रही है। भव्य झांकी भी सजाई जाएगी। 

56 थाल में 56 भोग लगाया जाएगा 

चौक क्षेत्र स्थित द्वारिकाधीश मंदिर में भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के साथ छ्ठोत्सव भी मनाया जायेगा। मंदिर के व्यवस्थापक उत्तम कपूर ने बताया कि करीब तीन सौ वर्ष पुराने इस मंदिर में लंबे समय से जन्माष्टमी मनाई जा रही है। छठे दिन महोत्सव मनाया जाता है। इस दिन भगवान को 56 थाल में 56 भोग अर्पित करते हैं। मथुरा के कलाकार भगवान के स्वरूप में लीलाएं दिखाते हैं। उनके साथ भक्तजन फूलों की होली खेलते हैं। भगवान के विग्रह को बनारसी वस्त्र पहनाकर, आभूषणों व पुष्पों से भव्य श्रृंगार किया जाता है।

मालिनी अवस्थी के गीतों की प्रस्तुति होगी

सुशांत गोल्फ सिटी स्थित इस्कान मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर महामहोत्सव मनाया जायेगा। मंदिर की स्थापना 2011 में हुई थी। मंदिर के मीडिया प्रभारी प्रदीप शुक्ला ने बताया कि पद्मश्री लोक गायिका मालिनी अवस्थी रात आठ बजे गीतों को प्रस्तुति देंगी। भगवान के जन्म के बाद दूध, दही, घी, शहद और 1008 तीथों के जल से अभिषेक किया जाता है। देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। इस बार बाल कलाकार नृत्य नाटिकाएं प्रस्तुत करेंगे।

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