Lucknow Crime: न्यू बालाजी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मरीज की मौत, हाथ-पैर बांधकर इलाज का आरोप, प्रदर्शन
Lucknow Crime: मृतक के भाई ने कहा कि अस्पताल का स्टाफ हाथ पैर बांधकर मरीज का इलाज कर रहा था। इन्हीं की लापरवाही से भाई की जान चली गई।
Lucknow Crime: लखनऊ के दुबग्गा थानाक्षेत्र में सोमवार को कसमण्डी रोड स्थित न्यू बालाजी अस्पताल में इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। इसके बाद उन्होंने शव को अस्पताल के सामने सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने समझा-बुझाकर उन्हें शांत कराया। करीब दो घंटे चले हंगामे के बाद पुलिस ने प्रदर्शन खत्म कराया उसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने हाथ पैर बांधकर मरीज का इलाज किया। सुबह 3 बजे के बाद से मरीज को किसी से मिलने नहीं दिया गया। जब मौत हो गई तो अस्पताल प्रबंधन ने शव ले जाने की बात कही। फ़िलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस कार्रवाई में जुटी है। इस मामले पर बात करने के लिए SHO दुबग्गा के सीयूजी नंबर पर कई बार फोन किया गया लेकिन कॉल नहीं लगी। जबकि एसीपी काकोरी ने कॉल नहीं रिसीव किया।
परसों बुखार के बाद हुआ था भर्ती
मूलरूप से महिपत मऊ का रहने वाले मृतक बबलू को परसों तेज बुखार आया था। इसके बाद परिजनों ने उसे कसमण्डी रोड स्थित न्यू बालाजी अस्पताल में भर्ती कराया। मृतक के भाई अयोध्या लोधी ने बताया कि आज सुबह करीब तीन बजे चिकित्सकों ने सभी को मरीज के पास से अलग कर दिया। उन्होंने किसी को भी भाई से मिलने से मना कर दिया। काफी जिद करने पर परिजन सुबह पांच बजे जब मरीज के पास पहुंचे तो पता चला उनकी मौत हो गई। पूछने पर अस्पताल का स्टाफ सही जवाब नहीं दे पाया। मृतक के भाई ने कहा कि अस्पताल का स्टाफ हाथ पैर बांधकर मरीज का इलाज कर रहा था। इन्हीं की लापरवाही से भाई की जान चली गई।
प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग
सुबह जब परिजनों को भाई की मौत की जानकारी हुई तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। धीरे-धीरे और लोग ही इकट्ठा हो गए। इसके बाद परिजनों ने शव सड़क पर रख दिया और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद लोगों को समझाया। करीब दो घंटे बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
कुकुरमुत्तों की तरह उगे अस्पताल
शहर में सीएमओ की नाक के नीचे कुकुरमुत्तों की तरह निजी अस्पताल बन गए हैं। दुबग्गा, सआदतगंज समेत लखनऊ के लगभग हर इलाके में नियमों के विपरीत घरों और आवासीय इमारतों धड़ल्ले से अस्पताल चल रहे हैं। आए दिन इनमें मरीजों की मौतें हो रही हैं। परिजन भी लापरवाही के आरोप लगाते हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार इनपर नकेल नहीं कस पा रहे हैं।