LU News: तंबाकू निषेध दिवस पर हुआ कार्यक्रम, विशेषज्ञ बोले- टीवी पर धूम्रपान देखने से बढ़ती है स्मोकिंग की संभावना

Lucknow University: मुख्य अतिथि डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी ने कहा कि वर्तमान में युवाओं में धूम्रपान का प्रचलन बना हुआ है। कई देशों में यह लगातार बढ़ रहा है। 13 से 15 वर्ष की आयु के 38 मिलियन से अधिक बच्चे किसी न किसी रूप में तंबाकू का इस्तेमाल कर रहे हैं। साल 2022 में 15 से 24 साल के बच्चों के बीच पॉपुलर टीवी और वेब शो में तंबाकू वाले विजुअल्स में 110 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

Report :  Abhishek Mishra
Update:2024-05-31 20:00 IST

World No Tobacco Day: लखनऊ विश्वविद्यालय में विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। बच्चों को तम्बाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना विषयक कार्यक्रम में केजीएमयू पल्मोनोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद रहे। उन्होंने धूम्रपान से होने वाली बीमारियों समेत कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपनी राय रखी।


तंबाकू निषेध दिवस पर हुआ कार्यक्रम

एलयू के समाज कार्य विभाग में विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर शुक्रवार को कार्यक्रम हुआ। मुख्य अतिथि डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी ने कहा कि वर्तमान में युवाओं में धूम्रपान का प्रचलन बना हुआ है। कई देशों में यह लगातार बढ़ रहा है। 13 से 15 वर्ष की आयु के 38 मिलियन से अधिक बच्चे किसी न किसी रूप में तंबाकू का इस्तेमाल कर रहे हैं। साल 2022 में 15 से 24 साल के बच्चों के बीच पॉपुलर टीवी और वेब शो में तंबाकू वाले विजुअल्स में 110 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। यह अक्सर धूम्रपान को ग्लैमरस और कूल के रूप में दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि ट्रुथ इनिशिएटिव के अनुसार, स्क्रीन पर धूम्रपान की तस्वीरें देखने पर युवाओं में स्मोकिंग शुरू करने की संभावना तीन गुना तक बढ़ जाती है।


तंबाकू छोड़ने से होते हैं यह फायदे

कार्यक्रम में समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. राकेश द्विवेदी ने कहा कि तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों को सामाजिक और मनोवैज्ञानिक उपचार प्रदान करना चाहिए। बच्चों तथा युवाओं को तंबाकू सेवन से दूर रहने के लिए प्रेरित करना होगा। उन्होंने बताया कि धूम्रपान छोड़ने के सिर्फ 20 मिनट बाद हृदय गति में सुधार आ जाएगा। एक से नौ महीने के भीतर खांसी और सांस की तकलीफ कम हो जाएगी। पांच से 15 वर्षों के भीतर आपके स्ट्रोक का जोखिम धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति के बराबर कम हो जाता है। 10 वर्षों के भीतर फेफड़ों के कैंसर से मृत्यु दर धूम्रपान करने वाले की तुलना में लगभग आधी है। 15 वर्षों के अंदर धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति में हृदय रोग का खतरा उतना ही होता है।

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