Lucknow News: आंखों की रेटिना जांच से पता चलेगा हार्ट ब्लॉकेज, PGI के डॉक्टर करेंगे शोध

Lucknow News: पीजीआई के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. नवीन गर्ग ने बताया कि संस्थान के नेत्र रोग विभाग ने करीब डेढ़ करोड़ कीमत की आधुनिक एआई ऑक्टा मशीन खरीदी है।

Report :  Abhishek Mishra
Update: 2024-08-05 06:00 GMT

Lucknow News: संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर देश की पहली आर्टिफिशियल इंटलीजेंस (एआई) आधारित ऑक्टा मशीन से रेटिना की जांच कर ब्लॉकेज के बारे सकेंगे। जिससे अब रेटिना जांच से शुरुआती दौर में ही दिल की धमनियों के अवराधो (ब्लॉकेज) का पता लगाया जा सकेगा। इससे रोगियों के छोटे ब्लॉकेज को दवाओं से खत्म करने में मदद मिलेगी।

डेढ़ करोड़ की एआई ऑक्टा मशीन खरीदी

इसके लिए पीजीआई में कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. नवीन गर्ग और नेत्र रोग विभाग के प्रमुख डॉ. विकास कनौजिया अगस्त के दूसरे हफ्ते से दिल के रोगियों पर शोध शुरू करेंगे। सामान्य लोगों को ब्लॉकेज से बचाव व जागरूकता के लिए नई गाइडलाइन बनाएंगे। पीजीआई के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. नवीन गर्ग ने बताया कि संस्थान के नेत्र रोग विभाग ने करीब डेढ़ करोड़ कीमत की आधुनिक एआई ऑक्टा मशीन खरीदी है। इसकी खास बात है कि सामान्य ऑक्टा मशीन के मुकाबले रेटिना की सटीक जांच करेगी। मशीन में रोगी की आंखें लगाने के कुछ सेकेण्ड में रेटिना के आकार, नसों के बदलाव की पूरी रिपोर्ट मिल जाएगी। अध्ययन से धमनियों के ब्लॉकेज बता सकेंगे।

इन रोगियों पर होगा शोध

डॉ. नवीन गर्ग ने बताया कि संस्थान में दिल की धमनियों के ब्लॉकेज की एंजियोप्लास्टी करा चुके रोगियों को शोध में शामिल किया गया है। नेत्र रोग विभाग के प्रमुख डॉ. विकास कनौजिया की मदद से रोगियों की आंख एआई आधारित ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी एंजियोग्राफी मशीन से जांच कर इनके रेटिना के बदलाव का अध्ययन किया जाएगा। शुरुआत में रोगियों के ब्लॉकेज खोलने के लिए एंजियोप्लास्टी की जरूरत नहीं पड़ेगी। छोटे ब्लॉकेज का उपचार दवाओं से संभव होगा।

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