Lucknow News: अखिलेश यादव सपा प्रवक्ताओं की ले रहे क्लास, प्रदेश कार्यालय में मीटिंग जारी

Lucknow News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज मंगलवार को पार्टी प्रवक्ताओं की प्रदेश कार्यायल में बैठक बुलाई है। इस बैठक में पार्टी के 62 प्रवक्ता शामिल हुए है।

Update: 2023-08-01 09:35 GMT
अखिलेश यादव ( सोशल मीडिया)

Lucknow News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज मंगलवार को पार्टी प्रवक्ताओं की प्रदेश कार्यायल में बैठक बुलाई है। इस बैठक में पार्टी के 62 प्रवक्ता शामिल हुए। बैठक अभी जारी है। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव ने बैठक में पार्टी प्रवक्ताओं को समझा सकते हैं कि किस मुद्दे पर क्या और कौन सी राय़ रखनी है। साथ ही ज्ञानवापी विवाद, मणिपुर विवाद, समान नागरिक संहिता सहित तमाम मुद्दों कैसे पार्टी का पक्ष रखना है। अखिलेश यादव ने इस मीटिंग में अपनी सोशल मीडिया टीम को भी बुलाया है।

सपा अध्यक्ष चाहते हैं कि सीएम योगी द्वारा ज्ञानपानी पर दिए गए बयान पर समाजवादी पार्टी के सभी प्रवक्ता एक स्वर में मजबूती के साथ अपना पक्ष रखें। इसी को लेकर अखिलेश यादव सपा प्रवक्ताओं को खास टिप्स देने वाले हैं। इस मुद्दे के अलावा विपक्षी गठबंधन और मणिपुर हिंसा का मुद्दा भी शामिल हैं। इस विशेष मीटिंग में सोशल मीडिया के कुछ एक्सपर्ट के साथ यूपी के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन को भी बुलाया गया है। पार्टी प्रवक्ताओं को धार्मिक मुद्दों पर बहस में नहीं उलझने और महंगाई व बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर मुखर होने के निर्देश दिए जा सकते हैं।

बता दें कि समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। सपा ने जमीनी स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है। अखिलेश यादव स्वयं लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं। अखिलेश यादव ने इस बार 80 लोकसभा सीटों को जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। गौरतलब है कि पिछले दो लोकसभा चुनावों यानी 2014 और 2019 में प्रदर्शन काफी खराब रहा है। लोकसभा के दोनों चुनावों में पार्टी को केवल और केवल पांच-पांच सीटें मिली थी। साल 2019 के लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) ने गठबंधन किया था। तीनों पार्टियों ने मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था। बसपा 38, सपा, 37 और आरएलडी तीन सीटों पर चुनाव लड़ी थी, वहीं कांग्रेस के लिए दो सीटें छोड़ दी गई थी। इस लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा फायदा बसपा को हुआ था, बसपा शून्य से दस सीटों पर पहुंच गई थी। सपा को पांच सीटों पर संतोष करना पड़ा था।

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