Lucknow News: स्ववित्त पोषित कॉलेजों ने संबद्धता शर्तों में मांगी छूट, 13 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा

Lucknow News: अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने उच्च शिक्षा मंत्री को बताया कि कॉलेजों को अभी अस्थायी, फिर संबद्धता विस्तारित करने की व्यवस्था है। कॉलेजों को एक बार संबद्धता की व्यवस्था कराने का अनुरोध किया।

Report :  Abhishek Mishra
Update:2024-08-29 13:15 IST

Lucknow News: उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन ने डिग्री कॉलेजों की समस्याओं लेकर उच्च शिक्षामंत्री योगेंद्र उपाध्याय से मुलाकात की। एसोसिएशन ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा को संबोधित ज्ञापन में शासनादेशों को शिथिल करने, डिग्री कॉलेजों में अन्य स्कूली शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा जैसे पाठ्यक्रम संचालित करने तथा संबद्धता शर्तों को तर्कसंगत बनाने की मांग की गई है।

शिक्षक चयन व संबद्धता में मांगी छूट 

अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने उच्च शिक्षा मंत्री को बताया कि कॉलेजों को अभी अस्थायी, फिर संबद्धता विस्तारित करने की व्यवस्था है। कॉलेजों को एक बार संबद्धता की व्यवस्था कराने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों की चयन प्रक्रिया अभी जटिल और खर्चीली है। इसे सरल बनाया जाए। जिन कॉलेजों में भूमि मानक नगर निगम क्षेत्र में 5000 वर्ग मीटर, नगरपालिका में 7000 और ग्रामीण क्षेत्रों में 20,000 वर्ग मीटर है, उन्हें प्राथमिक, माध्यमिक, तकनीकी, व्यावसायिक शिक्षा के कोर्स चलाने की अनुमति दी जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित महिला कॉलेजों को सहशिक्षा शुरू करने की अनुमति है, लेकिन नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्र में आने वाले महिला कॉलेजों को लेकर कोई निर्देश नहीं है। इसे स्पष्ट किया जाए। कृषि महाविद्यालय खोलने के लिए भूमि का मानक 15 एकड से 7.5 एकड करने की भी मांग उठाई। प्रतिनिधिमंडल में महामंत्री डॉ. सुधीर कुमार राय, उपाध्यक्ष नागेश्वर सिंह, मंत्री संदीप कुमार सिंह, सदस्य प्रभात कुमार राय और संरक्षक राजेंद्र प्रताप सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

वाह्य परीक्षकों की सूची जारी करें विश्वविद्यालय 

महामंत्री मनमोहन चावला के अनुसार, एनईपी-2020 के तहत सेमेस्टर परीक्षा प्रणाली में प्रैक्टिकल व वायवा के लिए वाह्य परीक्षक को विश्वविद्यालय नियुक्त करता है। इससे परीक्षा कराने में बहुत समय लगता है। इसके लिए पाठ्यक्रम समिति हर विषय के वाह्य परीक्षकों की एक सूची जारी कर दे। जिससे प्राचार्य उनमें से किसी को बुलाकर परीक्षा संपन्न करा सकें। 

दो बार वसूला जा रहा परीक्षा शुल्क 

सेमेस्टर प्रणाली से वर्ष में दो बार परीक्षा शुल्क लिया जाता है। साथ ही कई विश्वविद्यालय अंक पत्र, नामांकन, पंजीकरण, माइनर, स्पोर्ट्स, रोवर्स एंड रेंजर्स आदि मदों में नए शुल्क वसूल रहे हैं। महामंत्री मनमोहन चावला का कहना है कि इससे उच्च शिक्षा महंगी होती जा रही है। साथ ही 11 जुलाई, 2022 के शासनादेश का पालन कराया जाए। ऐसे शुल्कों पर लगाम लगाई जाए। 

सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों की अन्य मांगें 

1. नवीन पाठ्यक्रम में संबद्धता के लिए निरीक्षण मंडल के पैनल में विशेषज्ञ नामित करने पर स्थानीय पैनलिस्ट या विशेषज्ञों को वरीयता दी जाए। 

2. सेमेस्टर प्रणाली लागू से शिक्षण शुल्क को लेकर सेल्फ फाइनेंस कॉलेज असमंजस में हैं। इसे वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर निर्धारित किया जाए। 

3. प्रबंधकीय विवाद को रोकने के लिए यूपी राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1073 में जरूरी संशोधन किया जाए। 

4. सेमेस्टर परीक्षा के लिए स्वकेंद्र की व्यवस्था लागू की जाए। 

5. सांध्यकालीन कक्षाओं के संचालन से दो पाली में कॉलेज संचालित हो सकेंगे। इससे एक कॉलेज में अनेक पाठ्यक्रम संचालित हो सकेंगे। 

6. सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों को निकटतम विश्वविद्यालय के चयन का अधिकार प्राप्त हो।

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