Lucknow News: महिला दिवस पर बीबीएयू में हुई संगोष्ठी, मुख्य अतिथि बोलीं - समाज में बढ़े महिलाओं की हिस्सेदारी
Lucknow News: बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में विधि विभाग और कमेटी ऑफ बेसिक फैसेलिटीज फॉर वूमेन की ओर से संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इस एक दिवसीय संगोष्ठी में महिला एवं बाल सुरक्षा विंग (1090) की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रूचिता चौधरी मुख्य अतिथि रहीं।
Lucknow News: बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में विधि विभाग और कमेटी ऑफ बेसिक फैसेलिटीज फॉर वूमेन की ओर से संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इस एक दिवसीय संगोष्ठी में महिला एवं बाल सुरक्षा विंग (1090) की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रूचिता चौधरी मुख्य अतिथि रहीं।
हर क्षेत्र में बढ़े महिलाओं की हिस्सेदारी
बीबीएयू में शुक्रवार को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर एक संगोष्ठी हुई। इस संगोष्ठी का विषय 'भारतीय समाज में सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक जीवन में महिलाओं का समावेश: सभी के लाभ के लिए एक कदम आगे' रहा। यहां देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि ने कहा कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समाज में महिलाओं की हिस्सेदारी को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने कहा कि संविधान की ओर से तो महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिया गया है। लेकिन वर्तमान समाज आज तक इस सच्चाई को स्वीकार नहीं कर पाया है। हमें इस विषय को गंभीरता से लेकर अपनी आवाज को बुलंद करना होगा।
राष्ट्र के निर्माण के लिए भूमिका अहम
बीबीएयू के कुलपति आचार्य संजय सिंह ने कहा कि कोई भी राष्ट्र महिलाओं की समान भागीदारी के बिना प्रगति नहीं कर सकता। हमारी परंपरा में मातृ शक्ति का जो महत्व प्रदान किया गया है। उसे सबको स्वीकार करना चाहिए। और उसके अनुरूप आचरण करना चाहिए। डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के विधि विभाग की प्रमुख प्रो. शेफाली यादव ने भी इस संगोष्ठी में अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि जैसे शरीर को जीवित रखने के लिये जल, वायु और भोजन जरूरी हैं। उसी तरह समाज के निर्माण में महिलाओं की भूमिका प्रमुख है। दिव्यांग डेवलपमेंट सोसाइटी की सेक्रेटरी मनप्रीत कौर ने महिलाओं को समाज का आधार बताया। इसके अलावा उन्होंने कहा, कि दिव्यांग बच्चों को समाज हीन दृष्टि से देखता है, जबकि अगर देंखे तो इन बच्चों के हाथों में जो हुनर है वह इन्हें विशेष बनाता है।
सत्रों में विशेषज्ञों ने रखी राय
संगोष्ठी के द्वितीय सत्र में दो तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया। बीबीएयू की पीआरओ डॉ. रचना गंगवार ने बताया कि प्रथम तकनीकी सत्र में डॉ. अनीस अहमद एवं डॉ. मुजीबुर्रहमान ने अपने विचार रखे। वहीं दूसरे सत्र में प्रो. संगीता सक्सेना और डॉ. राशिदा अख्तर की अध्यक्षता में महिला सशक्तिकरण विषय पर प्रतिभागियों द्वारा पेपर एवं पोस्टर प्रस्तुत किया गया। पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ। समापन सत्र में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मा सेंट्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायबरेली की प्रो. शुभिनी सराफ और लखनऊ उच्च न्यायालय की अधिवक्ता नलिनी छाबड़ा अतिथि रहीं। इस संगोष्ठी में स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज की डीन प्रो. प्रीति मिश्रा, विधि विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. सुदर्शन वर्मा और कमेटी ऑफ बेसिक फैसेलिटीज फॉर वूमेन की चेयरपर्सन प्रो. शिल्पी वर्मा और डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस. विक्टर बाबू समेत कई अन्य लोग मौजूद रहे।