Lucknow News: कार्सिनोमा टेस्टिस से पीड़ित मरीज को KGMU सर्जिकल टीम ने छह घंटे जटिल सर्जरी के बाद दिया नया जीवन
लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में एक जानलेवा बीमारी से जूझ रहे बहराइच के 21 वर्षीय युवक को केजीएमयू के यूरोलॉजी विभाग में छह घंटे की जटिल सर्जरी के बाद नया जीवन मिला।;
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Lucknow News: लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में एक जानलेवा बीमारी से जूझ रहे बहराइच के 21 वर्षीय युवक को केजीएमयू के यूरोलॉजी विभाग में छह घंटे की जटिल सर्जरी के बाद नया जीवन मिला। मिली जानकारी के मुताबिक रोगी कार्सिनोमा टेस्टिस (अंडकोष कैंसर) से पीड़ित था और उसकी स्थिति काफी गंभीर हो चुकी थी।
वहीं रोगी की गंभीर स्थिति और ट्यूमर्स के प्रभाव ने उसकी जीवन-रक्षक क्षमता को खतरे में डाल दिया था। हालांकि, सर्जरी और कीमोथेरेपी के बाद भी कैंसर का फैलाव रुका नहीं और उसके शरीर में विशाल रेट्रोपेरिटोनियल ट्यूमर्स विकसित हो गए। जो रक्त वाहिकाओं और अन्य महत्वपूर्ण अंगों के पास थे। जिससे उसकी स्थिति और भी नाजुक हो गई।
सर्जरी से पहले की स्थिति और चुनौती
केजीएमयू के डॉक्टर अवनीत गुप्ता ने बताया कि शुरूआत में रोगी का इलाज सामान्य तरीके से किया गया। जिसमें सर्जरी और कीमोथेरेपी शामिल थी। हालांकि, यह उपचार उस पर असर नहीं दिखा और स्थिति और जटिल हो गई। दोनों तरफ 25 सेंटीमीटर और 20 सेंटीमीटर व्यास के विशाल ट्यूमर्स के कारण पेट में सूजन, दर्द, उल्टी और अत्यधिक कमजोरी हो रही थी, जिससे रोगी को भोजन ग्रहण करने में भी समस्या हो रही थी।
उन्होंने बताया कि इस गंभीर स्थिति के बाद रोगी को लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती किया गया। सर्जरी के दौरान डॉक्टरों को न केवल विशाल ट्यूमर्स को हटाने का कार्य था। बल्कि यह सुनिश्चित करना भी था कि प्रमुख रक्त वाहिकाओं और अन्य अंगों को कोई नुकसान न हो। सर्जरी छह घंटे तक चली, और यह एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण और संवेदनशील प्रक्रिया रही। वहीं मरीज की हालत अब एकदम ठीक है।
KGMU कुलपति ने पूरी सर्जिकल टीम को दी बधाई
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने पूरी सर्जिकल टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह सर्जरी न केवल रोगी की जान बचाने में सफल रही, बल्कि यूरोलॉजिकल सर्जरी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि भी थी। इसने डॉक्टरों के कौशल और समर्पण को प्रदर्शित किया, जिन्होंने रोगी को इस कठिनाई से उबारने में मदद की। वहीं इस जटिल सर्जरी में शामिल प्रमुख विशेषज्ञों में डॉ. अपुल गोयल, डॉ. मनोज यादव और डॉ. अवनीत गुप्ता ने प्रमुख भूमिका निभाई।