UP News : इन सात चिकित्साधिकारियों को मिली नवीन तैनाती, डॉ. संगीता गुप्ता बनीं निदेशक परिवार कल्याण, जानिए किसे कहां भेजा गया?
UP News : प्रादेशिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के नवपदोन्नत निदेशक ग्रेड के चिकित्साधिकारियों को नवीन तैनाती दी गई है।
UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रादेशिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के नवपदोन्नत निदेशक ग्रेड के चिकित्साधिकारियों को नवीन तैनाती दी गई है। यह आदेश स्वास्थ्य विभाग के सचिव रंजन कुमार ने शनिवार को जारी किया है। बता दें कि इन चिकित्साधिकारियों को दीपावली से पूर्व प्रोन्नति का तोहफा दिया गया था।
किसे कहां मिली तैनाती
- डॉ. रेखा रानी अपर निदेशक, प्रशिक्षण, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, उ०प्र० लखनऊ से निदेशक (नियोजन एवं बजट), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, उ०प्र०, लखनऊ।
- डॉ. सरोज कुमार को मुख्य परामर्शदाता, बलरामपुर चिकित्सालय, लखनऊ से निदेशक (संक्रामक रोग), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय उ०प्र० लखनऊ।
- डॉ. रंजना खरे को अपर निदेशक (मुख्यालय), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, उ०प्र० लखनऊ को निदेशक (पैरामेडिकल), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, उ०प्र० लखनऊ।
- डॉ. कल्पना चन्देल को अपर निदेशक (सी.एच.सी.). स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, उ०प्र० लखनऊ को निदेशक (सी.एच.सी.), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, उ०प्र० लखनऊ।
- डॉ. संगीता गुप्ता को प्रमुख अधीक्षक, एस.एन. मेडिकल कालेज, आगरा से निदेशक (परिवार कल्याण), परिवार कल्याण महानिदेशालय, उ०प्र०, लखनऊ ।
- डॉ. शुभा मिश्रा को मुख्य परामर्शदाता, यूएच.एम. जिला चिकित्सालय, कानपुर से निदेशक (राष्ट्रीय कार्यकम), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, उ०प्र० लखनऊ।
- डॉ. सीमा श्रीवास्तव को प्रमुख अधीक्षक, ए०एच०एम० जिला महिला चिकित्सालय, कानपुर को निदेशक (नर्सिंग), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, उ०प्र० लखनऊ।
सीएचओ का बढ़ाया था मानदेय
बता दें कि इससे पहले योगी सरकार ने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों यानी सीएचओ के मानदेय में पांच हजार रुपए की बढ़ोतरी की थी। इस बढ़ोतरी के बाद उनका मानदेय 25 हजार रुपए हो गया था। इसके साथ उनके प्रदर्शन के आधार पर 10 हजार रूपए प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया था। योगी सरकार के इस फैसले से करीब 17000 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी लाभान्वित होंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने में इन अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। बताया जा रहा है कि सरकार ने यह कदम स्वास्थ्य व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए किया है।