‘अकबरनगर अब प्रदूषण से नहीं भगवान राम के भाई छोटे भाई के...’, कुकरैल तट से CM योगी का बड़ा मैसेज

CM Yogi: लखनऊ में नदी के तट पर हुए अवैध कब्जे पर सीएम ने कहा क 50 साल पहले कुकरैल नदी निकलते हुए गोमती में मिलती थी। 1984 के बाद भूमाफिया ने अपने स्वार्थ के लिए इसे पाटना शुरू किया।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-07-20 08:38 GMT

CM Yogi: 1978 से पहले जो कुकरैल नदी थी, लेकिन 78 के बाद से सत्ता द्वारा संरक्षित भूमाफिया ने नदी के तट पर अवैध कब्जा कर धीरे धीरे कुकरैल को नदी से नाला में तब्दील कर दिया। इसका असर ये हुआ कि आज लखनऊ के अधिकांश वासी कुकरैल को नदी के नाम से कम नाले के नाम से अधिक जानते हैं, लेकिन कुकरैल की पहचान बदल गई है। वह नाले से नदी में तब्दील हो रही है, क्योंकि यूपी की योगी सरकार ने कुकरैल नदी पुनर्जीवित अभियान चला रखा है। लखनऊ के अंदर नदी तट पर बने अवैध घरों को तोड़ा गया है, कुछ घरों को तोड़ने की आगे की कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री योगी साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर लखनऊ में कुकरैल नदी पर एक रिवर फ्रंट तैयार कराना है। इसको देखते हुए अबकरनगर स्थित कुकरैल नदी तट पर सरकार 10 हजार पौधारोपण कर प्रदेश भर में 35.60 करोड़ पौधा लगाने का एक पौधरोपण जन अभियान भी शुरू किया है।

अकबरनगर पर सीएम ने कही ये बात

इस कार्यक्रम की शुरुआत सीएम योगी ने अबकरनगर में पौधोरोपण कर के की। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुकरैल नदी की अतीत पर प्रकाश डाला। सीएम योगी ने कहा कि पहले अकबरनगर के नाम पर यह प्रदूषण का माध्यम बना था, आज वहां श्रीराम के अनुज लक्ष्मण जी के नाम पर सौमित्र वन का गठन हुआ है। मैंने भी हरिशंकरी की वाटिका लगाई। इसके दूसरी ओर शक्ति वन बनने जा रहा है। यह भारत की नदी संस्कृति को बचाने का माध्यम बनेगा। 'एक पेड़ मां के नाम' के साथ नई मजबूती प्रदान करने में यह हमारा मार्गदर्शन करेगा।

भूमाफिया ने कुकरैल को नदी से बनाया नाला

लखनऊ में नदी के तट पर हुए अवैध कब्जे पर सीएम ने कहा क 50 साल पहले कुकरैल नदी निकलते हुए गोमती में मिलती थी। 1984 के बाद भूमाफिया ने अपने स्वार्थ के लिए इसे पाटना शुरू किया, जिससे यह नदी नाला में तब्दील हो गई और बस्तियों के ड्रेनेज को उड़ेलने का माध्यम बन गई। एक तरफ नदी को मारा गया तो दूसरी तरफ गोमती नदी को भी प्रदूषित किया गया। लखनऊ में आकर गोमती काली हो गई। प्रदेश सरकार ने तय की कुकरैल को बचाएंगे और यहां पर नाइट सफारी बनाएंगे, जिससे पर आगे की कार्रवाई शुरू की गई।

3100 परिवारों का किया पुनर्वास

सीएम ने कहा कि इस क्षेत्र के अतिक्रमण को हटाया गया। जिनकी रजिस्ट्री थी, प्रशासन की मदद से एलडीए ने 3100 परिवारों को एक-एक आवास देकर पुनर्वास किया। जिन भूमाफिया ने जमीन के धंधे से जुड़कर लोगों को ठगा, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़कर एलडीए ने इसे खाली करवाया। आज कुकरैल नदी धीरे धीरे अपने पुराने स्वरूप में लौटने वाली है। जो कुकरैल लखनऊ के लोगों के लिए नाला की पहचान हो गयी थी, वह अब नदी के रूप में होने लगी है।

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