Lucknow News: कोर्स जारी रखने के लिए छात्रों ने लिखा पत्र, एक्स पर चला रहे मुहिम

Lucknow University: इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस मॉलिक्यूलर एंड इन्फेक्शियस डिजीज में संचालित एमएससी इन मॉलिक्यूलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स कोर्स को बंद कर दिया गया है। सत्र 2024-25 के प्रवेश ब्रोशर से भी इसे हटा दिया गया है। इसके मद्देनजर छात्रों ने सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी मुद्दा उठाया है।

Report :  Abhishek Mishra
Update: 2024-07-05 05:25 GMT

Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने एमएससी इन मॉलिक्यूलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स कोर्स न बंद करने के लिए मोर्चा खोला है। कोर्स को जारी रखने की मांग को लेकर छात्रों ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, कुलपति और कुलसचिव को पत्र लिखा है। सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स के जरिए छात्र विवि प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। 

कोर्स को जारी रखने की मांग 

एलयू स्थित ओएनजीसी बिल्डिंग में संचालित इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस मॉलिक्यूलर एंड इन्फेक्शियस डिजीज में संचालित एमएससी इन मॉलिक्यूलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स कोर्स को बंद कर दिया गया है। सत्र 2024-25 के प्रवेश ब्रोशर से भी इसे हटा दिया गया है। इसके मद्देनजर छात्रों ने सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी मुद्दा उठाया है। छात्रों का कहना है कि कुलपति प्रो. आलोक राय की पहल पर सत्र 2022-23 से एमएससी इन मॉलिक्यूलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स कोर्स की शुरूआत हुई थी। दाखिले के लिए 25 सीटें तय की गई थी। इस संबंध में सत्र 2022-23 और 2023-24 के छात्र-छात्राओं ने मोर्चा खोल दिया है। 

एक्स पर चल रही मुहिम

सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ पर पहले बैच की एक छात्रा ने पोस्ट कर लिखा कि पहले सत्र में 25 सीटों के सापेक्ष 15 और दूसरे सत्र में 23 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया था। जो क्रमश: 60 और 92 फीसदी होता है। इसके बावजूद कोर्स को बंद करना दुर्भाग्यपूर्ण है। छात्रा ने बताया कि कोर्स न बंद करने के लिए 27 मई को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय और कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह को पत्र लिखा गया था। पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। 

निदेशक ने कोर्स बंद करने का लिखा था पत्र 

एलयू प्रशासन ने मई माह में इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस मॉलिक्यूलर एंड इन्फेक्शियस डिजीज के निदेशक पद पर डॉ. मीनल गर्ग को नियुक्त किया था। इसके बाद निदेशक ने कोर्स को बंद करने के लिए कुलपति को पत्र भेजा था। जिसमें कम संख्या का हवाला दिया गया था।

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