Lucknow News: नेशनल कॉलेज में शुरु होंगे दो नए वोकेशनल कोर्स, परीक्षा प्रणाली में किया गया बदलाव

National PG College: प्राचार्य प्रो. देवेंद्र सिंह ने बताया कि एनईपी 2020 अध्यादेश के तहत कॉलेज ने परीक्षा प्रणाली में कुछ बदलाव किए हैं। जिससे प्रणाली को पारदर्शी बनाया जा सके। इसे अगले सत्र से लागू किया जाएगा।

Report :  Abhishek Mishra
Update: 2024-05-22 12:30 GMT

Lucknow News: नेशनल पीजी कॉलेज में सत्र 2025-26 से वनस्पति विज्ञान और पर्यावरणीय अध्ययन में एमएससी पाठ्यक्रम की पढ़ाई शुरु होगी। वहीं इस सत्र से स्नातक स्तर पर होटल और हॉस्पिटल प्रबंधन पर वोकेशनल कोर्स शुरू करने की तैयारी है। एकेडमिक काउंसिल की बैठक में यह फैसला लिया गया है।

एमएससी बॉटनी व एनवायरमेंटल स्टडीज के पाठ्यक्रम होंगे शुरु

कॉलेज के प्राचार्य प्रो. देवेंद्र कुमार सिंह के अनुसार सत्र 2024-25 से यूजीसी की स्किल आधारित रोजगार परक पाठ्यकम शुरू करने की योजना के तहत बैचलर ऑफ वोकेशनल इन होटल मैनेजमेंट और बैचलर ऑफ वोकेशनल इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट कोर्स शुरू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह कोर्स करने वालों को सर्टिफिकेट मिलने के बाद इंटर्नशिप मिलेगी। जिसके लिए उन्हें स्टाइपेंड दिया जाएगा। इसके लिए कई संस्थानों के साथ एमओयू साइन किए जाएंगे। इसके अलावा सत्र 2025-26 से परास्नातक स्तर के दो नए पाठ्यकम शुरु होंगे। जिनमें एमएससी बॉटनी और एमएससी एनवायरमेंटल स्टडीज शामिल हैं। प्राचार्य प्रो. डीके सिंह के अनुसार एकेडमिक काउंसिल की बैठक में अगले सत्र से बीवाक साफ्टवेयर डेवलपमेन्ट एंड ई-गवर्नेस के पाठ्यकम में बदलाव किया गया है।

परीक्षा प्रणाली में किए गए बदलाव

प्राचार्य प्रो. देवेंद्र सिंह ने बताया कि एनईपी 2020 अध्यादेश के तहत कॉलेज ने परीक्षा प्रणाली में कुछ बदलाव किए हैं। जिससे प्रणाली को पारदर्शी बनाया जा सके। इसे अगले सत्र से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक परीक्षा अध्यादेश पास किया गया है। जिसके तहत विद्यार्थियों को मेजर विषय में सेमेस्टर परीक्षा के आधे पेपर में न्यूनतम उत्तीर्ण अंक हासिल करने पर अगले सेमेस्टर में प्रमोट कर दिया जाएगा। लेकिन छात्रों का कुल औसत अंक का 40 प्रतिशत होना जरुरी है। प्राचार्य ने बताया कि परीक्षा परिणामों को घोषित करने की प्रक्रिया में भी कॉलेज तेजी लाने का प्रयास करेगा। जिससे छात्रों को आगे की योजना बनाने में मुश्किल नहीं होगी। नए अध्यादेश के तहत असाइनमेंट, प्रोजेक्ट कार्य, कक्षा भागीदारी और सेमिनार जैसी परीक्षाओं को ज्यादा महत्व दिया जाएगा।

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