Etawah News: पंचायत चुनाव में खराब प्रदर्शन पर भाजपा जिलाध्यक्ष की छुट्टी, सपा ने ली चुटकी

उत्तर प्रदेश इटावा में पंचायत चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के चलते भाजपा जिलाध्यक्ष पर इसकी गाज गिरी है।

Report :  Uvaish Choudhari
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-08-17 17:11 IST

इटावा भाजपा जिलाध्यक्ष की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Etawah News: उत्तर प्रदेश इटावा में पंचायत चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के चलते भाजपा जिलाध्यक्ष पर इसकी गाज गिरी है। जिलाध्यक्ष को पद मुक्त कर दिया गया है। सत्ता में काबिज होने के बावजूद सत्तारूढ़ पार्टी का सबसे बुरा प्रदर्शन इटावा में देखने को मिला था। यह कयास पूर्व में ही लगाए जा रहे थे कि भाजपा के तीन-तीन जनप्रतिनिधि होने के बावजूद भाजपा 24 पंचायत सदस्यों मे सिर्फ एक सदस्य जिता सकी और 8 ब्लॉक प्रमुखों पर 1 सीट भाजपा के खाते में गई वो भी लॉटरी सिस्टम के जरिए। इस सब वजहों से यह अनुमान लगाया जा रहा था कि गाज गिरना लगभग तय है।

पंचायत चुनाव के दौरान यह बात भी सामने आई थी कि भाजपा ने तीन ब्लॉक पर अपने प्रत्याशी तक नहीं दे सकी। वहीं प्रसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के पार्टी समर्थित प्रत्याशियों की सीट ताखा, बसरेहर, सैफ़ई में प्रत्याशी न दे पाने के कारण यह अरोप भी लगे कि प्रसपा और भाजपा का टाई अप हुआ है।


सपा जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने चुटकी लेते हुए कहा 1 सीट पंचायत की 1 सीट ब्लॉक प्रमुख की किस तरह जीती सभी को पता है भाजपा का अस्तित्व इटावा में खत्म हो गया है। 2022 विधानसभा में यूपी से इनका अस्तित्व खत्म होगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह द्वारा इटावा भाजपा जिलाध्यक्ष को अचानक हटाये जाने के बाद सपा ने चुटकी लेते हुए कहा कि इटावा में पंचायत चुनाव में मिली हार को लेकर डेमेज कंट्रोल करने की कोशिश में है भाजपा लेकिन अब कुछ होने वाला नहीं। इटावा से भाजपा का अस्तित्व खत्म होने को है साथ ही प्रदेश में भी चुनाव बाद सफाया हो जाएगा।

वहीं बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य एवं इटावा के वरिष्ठ भाजपा नेता रमाकांत शर्मा ने कहां विरोधियों के पास कहने को कुछ बचा नही है हमारे यहां लोकतांत्रिक व्यवस्था है हमारे यहां जातिवाद नहीं चलता। अगर पार्टी ने ज़िलाध्यक्ष बदला है तो कुछ सोच कर ही किया होगा। चुनाव करीब है इसलिए यह बदलाव किया गया है। पहले हमने 3 में से 2 विधानसभा जीती थी, अब तीनों विधानसभा जीतने के लिए यह रणनीति बनाई गई है।


वहीं नये ज़िलाध्यक्ष संजीव राजपूत ने कहां पार्टी आलाकमान ने जो ज़िम्मेदारी दी है उसे पूरी तरह से निभाउंगा। नई रणनीति बनाकर पूरी दमदारी से 2022 विधानसभा का चुनाव लड़ा जायेगा। पूर्व जिलाध्यक्ष अजय धाकरे को हटाने के बयान पर बचते नजर आए, उन्होंने कहा कि पार्टी का निर्णय है क्या वजह रही यह बताना मुश्किल है।

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