UPSC 2020: सिविल सेवा परीक्षा में 491वीं रैंक पाकर केशव ने बढ़ाया इटावा का मान
यूपीएससी में सफलता हासिल करने वाले केशव से खास बातचीत
Etawah News: उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद के लखना कस्बे के मोहल्ला मान खां मोहाल के रहने वाले सर्राफा व्यवसाई अजय कुमार सिंह के पुत्र कुमार केशव ने सिविल सेवा परीक्षा 2020 में सफलता हासिल करके जनपद का नाम रोशन किया है। शुक्रवार की शाम घोषित हुए रिजल्ट में कुमार केशव को 491वीं ऑल इंडिया रैंक हासिल हुई है। इसके चलते पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है और लोग बधाई दे रहे हैं। इस सफलता से केशव के घर पर त्योहार जैसी खुशियां मनायी जा रहीं हैं।
सिविल सेवा में चयनित लखना के रहने वाले केशव ने प्राथमिक स्तर की पढ़ाई लखना कस्बे में करने के बाद जनता विद्यालय इंटर कॉलेज बकेवर से इंटर की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थी। उन्होंने दिल्ली के हंसराज कॉलेज से स्नातक किया और सिविल सेवा की तैयारी में जुट गए थे। अब उन्हें इसमें सफलता मिली है। केशव कहना है कि इस सफलता के पीछे धैर्य और हार्ड वर्क की सबसे बड़ी भूमिका है। इसके साथ ही पिता अजय कुमार, माता गौरी रानी, भाई कुमार कृष्णा तथा परिजनों का भी पूरा सहयोग उन्हें मिला है।
केशव के भाई कुमार कृष्णा जो कि भारतीय सीमा शुल्क मुंबई में सुपरटेंड है ,उन्होंने भी पढ़ाई में उनका पूरा साथ दिया। इसी वजह से दो इंटरव्यू देकर उन्होंने सफलता हासिल कर ली है। केशव का मानना है कि बड़ों के आशीर्वाद और परिश्रम के बल पर यह कामयाबी आज उन्हें मिली है। केशव सफलता के बाद परिजनों के साथ ही कस्बे के लोगों ने भी घर पहुंच कर उन्हें बधाई दी है।
केशव बताते है कि उन्होंने अपना सिलेबस उसको हाथ में रखा और सिलेसब से शुरुआत की। शुरू में कोचिंग में एडमिशन लिया लेकिन कोचिंग से बेसिक स्ट्रेजी पता लग गई लेकिन पूरी मेहनत खुद से पढ़ाई की और उसी से सफलता मिली। जब मुझे पूरा सिलेबस पता लग गया तब मेने बेसिक बुक चुनी और सोच लिया मैं इधर उधर नहीं भटकूंगा। एक मैंने बेसिक बुक की लिस्ट तैयार की और उसी को मैंने कई बार रिवीजन किया और उसके बाद टेक्स सीरीज पर बहुत ध्यान दिया। एग्जाम देने की कंडीशन में प्रैक्टिस की जिससे में एग्जाम में उसी पैटर्न पर कर सकूं।
ग्रैजुएशन में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ थे, सिविल सर्विसेज के लिए सोसलोजी वैकल्पिक विषय चुना था। अपने सारे अटेम्प्ट में सोसिलोजी के साथ दिए।
इंटरव्यू में पूछे गए सवाल- कई सारे सवाल हुए जिसमें बहुत डायवर्ट पूछते है। सोसाइटी, क्वालिटी, भारत की विदेश नीति, प्रशासन, भारत चीन के बीच गलवान में जो लगातार चल रहा उसके बारे में पूछा।
एक लेडी मेम्बर ने कास्ट इक्वालिटी के बारे में प्रेक्टीकली पूछा कि क्यों खत्म नहीं हो पाई है? तो मैंने कहा स्कूल के समय बच्चों को ऐसी शिक्षा दें जिससे बच्चे का एटीट्यूड ऐसे डवल्व हो जिससे भारतीय की पहचान बने ना कि कास्ट की पहचान बने।
करप्शन कैसे खत्म हो प्रेक्टीकली बताएं? मैंने कहा जो ईमानदार छवि के अधिकारी हैं उनको प्रोमोट किया जाए, जिससे कि एक रोल मॉडल बन सके, हम जैसे बच्चों के लिए। दूसरी बात मैं यह दावा कर सकता हूँ, मैं अकेला पूरा सिस्टम को सही करना का दावा नहीं कर सकता। लेकिन अगर मैं किसी पोस्ट पर हूं जो मेरा कार्य क्षेत्र है मैं उसमें कोशिश करूंगा कि उसमें करप्शन नहीं होने पाए।
प्लास्टिक हटाने पर, प्रवासी भारतीयों, भारत चीन के बीच जो हुआ उस पर क्या मंशा थी चीन की एनालिसिस और इतिहास के बारे में पूछा गया।
सोसाइटी, क्वालिटी, इकनॉमिक, विदेश नीति, प्रशासन हर एक क्षेत्र से कुछ न कुछ पूछा गया, सारे सवाल जनरल थे, लेकिन मैंने सभी के जवाब ऐसे दिए जो किताबी नहीं थे। ग्राउंड पर जो कर सकते हैं वही जवाब दिए।
30 से 32 सवाल पूछे गए जिसमें 26, 26 सवाल का सही जवाब दिया जिससे मुझे लगा कि इस बार इंटरव्यू में कोई दिक्कत नहीं होगी। मुझे उम्मीद थी कि इस बार पहले की अपेक्षा अच्छा इंटरव्यू हुआ।
करीबी रिश्तेदार जबलपुर बेंच मध्यप्रदेश में हाइकोर्ट के जज राजन वर्मा ने मोरल सपोर्ट बहुत दिया। बचपन में उनको देखकर सोचता था अधिकारी बनने की और माता पिता का सपना रहा कि बच्चे अधिकारी बनाएंगे,
माध्यम वर्ग से ताल्लुक रखने वाले कुमार केशव के पिता लखना कस्बा में सर्राफा की छोटी सी दुकान चलाते थे। जिस कारण बहार पढ़ाई करने में आर्थिक तंगी से जूझना पड़ता था। केशव बताते हैं कि परिवार ने घर खर्च को कम कर हम भाइयों और बहन को अच्छी शिक्षा देने के हमेशा प्रयास किये, जिसका नतीजा है आज हम दोनों भाई नौकरी में आ गए। 2015 में भाई की मुंम्बई कस्टम विभाग में नौकरी लगी जिसके बाद पढ़ाई के लिए पैसे की परेशानी कुछ कम हुई।
2011 में केशव ने हाईस्कूल में जनपद में टॉप टेन में जगह बनाई थी। वहीं बकेवर कस्बे जनता इंटर कालेज में टॉप किया था।