August Kranti Diwas: फर्रुखाबाद के पं. रामनारायण आजाद को अब तक नहीं मिला शहीद का दर्जा, मशहूर हैं बहादुरी के किस्से
फर्रुखाबाद के महान क्रांतिकारी पंडित रामनारायण आजाद को आज सभी भूल गए हैं। सरकार की तरफ से उनको अभी तक शहीद का दर्जा नही दिया गया है।
August Kranti Diwas: "ऐ मेरे वतन के लोगों को लोंगों ज़रा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हैं उनकी ज़रा याद करो कुर्बानी" यह पंक्तियां सुनने पर लोगों की आंखे जरूर भर आती हैं। लेकिन प्रदेश के राजनेता और नौकर शाहों की आंख का पानी पूरी तरह से सूख चुका है। फर्रुखाबाद के पंडित रामनारायण आजाद को आज सभी भूल गए हैं। उनको सरकारी तंत्र ने अभी तक शहीद का दर्जा नही दिया है।
उत्तर प्रदेश के जनपद फर्रुखाबाद देश की आजादी के मुख्य केंद्रों में फर्रुखाबाद भी था शहर कोतवाली क्षेत्र के साहबगंज चौराहा के रहने वाले पंडित रामनारायण आजाद जिन्होंने कोतवाली में बम फेंका था। वह हमेशा घोड़ी से पूरे क्षेत्र में भ्रमण किया करते थे। गरीब लोगों मदद के लिए जाने जाते थे।
महान क्रांतिकारी शहीद चंद्रशेखर आजाद ने उनके साथ कई घटनाओं को अंजाम दिया था
महान क्रांतिकारी शहीद चंद्रशेखर आजाद ने उनके साथ कई घटनाओं को अंजाम दिया था। इन्हीं के घर पर बम बनाने कार्य किया जाता था। लेकिन उनको सरकारी तंत्र ने शहीद का दर्जा नही दिया। जबकि 1947 में जब देश आजाद हुआ था उसके चार दिन पहले यानी 11 अगस्त को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पंडित रामनारायण आजाद के घर में सात दरबाजे थे। पंडित को पकड़ने के लिए काकोरी कांड गद्दार क्रांतिकारी फेरु सिंह को फर्रुखाबाद का शहर कोतवाल बनाया गया था।
बहादुरी के किस्से आज भी लोग सुनाते हैं
जब इन्होंने बम से हमला किया था उसी के आरोप में रामनारायण आजाद व उनके भाई नित्यानन्द को भी गिरफ्तार किया गया था। जिस समय वह गवाही देने कचहरी गया तो अन्य क्रांतिकारियों ने उसकी जूतों से पिटाई की थी। पंडित रामनारायण आजाद के पुत्र ने बताया कि शुरुआत में जब पुलिस लगातार पकड़ने के लिए घर पर दबिश दे रही थी तो वह कलकत्ता सुभाष चन्द्र बोस के पास चले गए थे। वहीं पर उन्होंने पानी के जहाज पर नौकरी भी करने लगे थे जिससे उनको कोई पहचान न सके। उनकी बहादुरी के किस्से आज भी लोग चर्चा करते हैं।