गंगा नदी के जलस्तर में आई कमी, अब चुनौतियों ने घेरा

फर्रुखाबा के बांधो से पानी की मात्रा कम हो जाने से अब नदियों के जलस्तर में कमी आने लगी है...

Report :  Dilip Katiyar
Published By :  Ragini Sinha
Update: 2021-08-19 08:29 GMT

गंगा नदी के जलस्तर में आई कमी

फर्रुखाबा के बांधो से पानी की मात्रा कम हो जाने से अब नदियों के जलस्तर में कमी आने लगी है। मंगलवार की शाम गंगानदी के जलस्तर में भारी कमी दर्ज की गयी। जलस्तर भी चेतावनी बिंदु के 15 सेंटीमीटर नीचे आ गया है। इससे तटीय इलाके के लोगों को राहत मिलने की संभावना है। हालांकि जलस्तर कम होने के बाद पीड़ितों के सामने मुसीबतों की भरमार आ गयी है। उन्हें अपनी सेहत को बचाना है तो वहीं जिंदगी को पटरी पर लाने की सबसे बड़ी समस्या है।

लोगों को आवाजाही में हो रही परेशानी

गंगापार के क्षेत्र में कटान अभी तक नहीं रुका है

गंगानदी का जलस्तर घटकर 136.10 मीटर पर आ गया, जो चेतावनी बिंदु से अब 50 सेंटीमीटर नीचे है। रामगंगा नदी का जलस्तर 134.65 पर है, जो कि अभी स्थिर है। नरौरा बांध से गंगानदी में 25925, हरिद्वार से 49755, बिजनौर से 28935 क्यूसेक पानी भेजा गया है। खो, हरेली, रामनगर बैराज से 2450 क्यूसेक पानी पास किया गया है। कंपिल के तराई, शमशाबाद क्षेत्र के अलावा गंगापार और सदर तहसील के निचले इलाके के कई गांव में अभी तक लोगों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।गंगा के जलस्तर में कमी आने से कंपिल और शमशाबाद की तराई के अलावा गंगापार के क्षेत्र में कटान अभी तक नहीं रुका है। लोग कटान से भी दहशत में है।

लोगों के सामने अवागमन की समस्या हुई पैदा

गांव में अभी पानी भरा होने से लोगों के सामने अवागमन की समस्या है। सड़कें भी कई क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त हो गई है।यहां पर जलभराव होने से लोग पैदल निकलने के लिए भी परेशान हो रहे हैं। जलभराव से संक्रामक रोग भी पनप रहा है। गांव में व्यापक पैमाने पर कैंप लगाने की आवश्यकता है, लेकिन कैंप नहीं लग रहे हैं इससे संक्रामक रोग ब्रढ़ रहे हैं। इससे दिक्कतें इस कदर बढ़ी है कि लोग छोटे मोटे इलाज के लिए झोलाछापों की शरण मेें हैं। गांव में शुद्ध पानी को लेकर भी समस्या है। कई गांव में हैंडपंप पानी में डूब गए थे तो ऐसे में पानी भी उन्हें सही नहीं मिल पा रहा है।

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