Farrukhabad News: गर्भवती महिलाओं के गोद भराई कार्यक्रम में शामिल हुईं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, कही ये महत्वपूर्ण बात

फर्रुखाबाद जिले के दो दिवसीय दौरे पर आई प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विकासखंड कमालगंज के गांव बलीपुर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र..

Report :  Dilip Katiyar
Published By :  Deepak Raj
Update: 2021-09-04 13:50 GMT
प्रदर्शनी को देखती राज्यपाल आनंदीबने पटेल

Farrukhabad News: फर्रुखाबाद जिले के दो दिवसीय दौरे पर आई प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विकासखंड कमालगंज के गांव बलीपुर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में आयोजित गर्भवती महिलाओं के गोद भराई कार्यक्रम में शामिल हुईं। कार्यक्रम में उन्होंने अपने संबोधन में संस्थाओं को उनकी सामाजिक जिम्मेदारी का भी बोध कराया। उन्होंने कहा कि यदि संस्थाएं समाज के कमजोर वर्गों के सहयोग में आगे आए तो अमीर और गरीब के बीच की खाई को पाटना आसान हो जाएगा। वहीं दूसरे कार्यक्रम में पहुंची राज्यपाल ने मिशन शक्ति में जिले की उन महिलाओ को सम्मानित किया जिन्होंने समाज के लिए योगदान किया है।


उपहार देती राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

राज्यपाल ने जिले की महिला प्रधान सरोजनी देवी को शत प्रतिशत अपने ग्राम में टीकाकरण के लिए सम्मानित किया जिले की बहादुर बेटी अंजलि को भी सम्मानित किया और बेटियों को आगे बढ़ने की सलाह भी दी तीसरे कार्यक्रम में राज्यपाल ने जिले में चमड़े से बांयी गयी कुशन और कालकृतियो के बनाने की प्रक्रिया का भी निरीक्षण किया। राज्यापल ने जिले में लेदर पर इस बिशेष हुनर को देख काफी प्रभावित भी हुई, राज्यपाल ने कहा कि गुजरात में अपने मुख्यमंत्री और मंत्री रहते वह यह कर चुकी है। वहां उन्होंने कई बड़े निगमों को एक-एक जनपद को गोद लेकर वहां के आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति में सुधार किया था।

 राज्यपाल ने सामाजिक जिम्मेदारी का एहसास करने का आह्वान किया

यहां राज्यपाल रहते उन्होंने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालय को आगे आकर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का एहसास करने का आह्वान किया। पहला प्रयोग लखनऊ में अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के अंतर्गत लखनऊ के 26 महाविद्यालयों के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेकर वहां की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने में सहयोग करना शुरू किया तो इसके परिणाम अच्छे मिले। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार गांव के प्रधान और खाते पीते लोग आंगनबाड़ी केंद्रों के कुपोषित और टीबी रोग से ग्रसित बच्चों को गोद लेकर अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं।

उपस्थित जनसमूह को संबोधित करती राज्यपाल

एक गांव में मुश्किल से ऐसे दो-चार बच्चे ही निकलेंगे। केवल चार-छह महीने के अच्छे और पौष्टिक भोजन से ही वह कुपोषण और टीबी से मुक्त हो सकते हैं। राज्यपाल ने मंच से कहा हमें स्वीकार करना पड़ेगा कि अभी भी सरकार की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों को भेजा जाने वाला पुष्टाहार वास्तव में कुपोषित बच्चों के गले के नीचे तक नहीं पहुंचता है। हमें इस व्यवस्था में सुधार करना ही पड़ेगा और यह आप सब के जन सहयोग से ही संभव है। इस अवसर पर उन्होंने कई शैक्षिक संस्थानों की ओर से जनपद के 20 आंगनबाड़ी केंद्रों को सामान वितरित कराया।

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