Farrukhabad News: भिम्मी नगला गांव में 200 से अधिक लोग बुखार की चपेट में, गंदगी और कूड़े के ढेर का लगा अंबार
Farrukhabad News: कमालगंज ब्लाक के श्रंगीरामपुर के मजरा भिम्मी नगला गांव में ऐसा कोई घर नहीं जहां कोई बुखार से पीड़ित ना हो।
Farrukhabad News:फर्रुखाबाद का शायद ऐसा गांव हो जहां कोई बीमार न हो। कमालगंज ब्लॉक क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांव में कई ग्रामीण बुखार (fever) से तप रहे हैं। उल्टी दस्त के साथ खांसी की भी दिक्कत है। घरों पर ही कई लोगों का इलाज चल रहा है। लोग बीमारी को देखकर घबराए हुए हैं। समझ में नहीं आ पा रहा है कि आखिर यह बुखार कैसे पीछा छोड़ेगा। पूरे गांव में गंदगी का अंबार है कूड़े के ढेर लगे हैं। कोरोना काल (Corona period) में कई बार ग्रामीणों ने अधिकारियों से शिकायतें भी की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इससे गांव के लोग धीरे-धीरे बुखार और संक्रामक बीमारियों (infectious diseases) की चपेट में आ रहे हैं।
कमालगंज ब्लाक (Kamalganj Block) के श्रंगीरामपुर (Shringirampur) के मजरा भिम्मी नगला गांव में ऐसा कोई घर नहीं जहां कोई बुखार से पीड़ित ना हो। गांव की आबादी 2 हजार से अधिक है। गंगा किनारे बसे इस गांव में सफाई व्यवस्था चौपट है। गांव की हर गली-नुक्कड़ पर कूड़े के ढेर (kude ke dher) लगे हैं। गलियों में नालियां गंदे पानी से बजबजा रही हैं। भिम्मी नगला, आजाद नगर भटपुरा, चमननगरिया, बसा नगला, जंजाली नगला, करीमनगर में कई लोग खांसी, जुकाम, बुखार से घिरे हुए हैं। भिम्मी नगला गांव में 200 से अधिक लोग बुखार की चपेट में हैं। लोगों को बुखार (fever), उल्टी (vomiting) , दस्त (diarrhea ) भी आ रहे हैं । भिम्मी नगला के महेश व आलोक की जब घर में तबियत बिगड़ी तो दोनों को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल (government hospital) में भर्ती कराया गया।
अभी तक गांव में नहीं पहुंची स्वास्थ्य टीम
परिजनों ने बताया कि गांव में और भी कई लोग बीमार हैं जो अपने स्तर से इलाज करा रहे हैं। गांव में अभी तक यहां स्वास्थ्य टीम नहीं पहुंची है इससे बीमारी को लेकर लोग घबराए हुए हैं। ग्रामीणों के अनुसार गांव में एक महीने पहले एक 30 वर्षीय युवक की मौत इस बुखार के कारण ही हो गयी थी। जबकि, 3 दिन पहले ही एक और व्यक्ति की असमय मौत इसी तरह के बुखार के चलते हो गयी। गांव में जितेंद्र, रिंकू, गौतम, श्रवण, अंशु, अभिषेक, हिमांशु ,गौरव, रोहित, और राहुल सहित करीब 150 लोग बीमार हैं। मरीजों के परिजनों ने बताया कि प्रशासन ने अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया। न तो जांच के लिए टीम आई और न ही दवाइयां बांटी गईं।