Farrukhabad News: अस्पताल की लापरवाही से जच्चा-बच्चा की मौत
यूपी की योगी सरकार लाख दावा करे कि स्वास्थ्य विभाग में सब कुछ ठीक है, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है।
Farrukhabad News: यूपी की योगी सरकार लाख दावा करे कि स्वस्थ्य विभाग में सब कुछ ठीक है, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। मरीजों को समय पर न ही एम्बुलेंस मिलती है और न ही डॉक्टर और न दवाएं। स्वस्थ्य विभाग की लपरवाही के चलते जच्चा बच्चा की मौत हो गयी। आशा कार्यकर्ता निजी अस्पतालों से मिलने वाले मोटे कमीशन के चक्कर में गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में गुमराह किया जा रहा है। प्रसव को पहुंचने वाले हर गर्भवती को लापरवाही और केस बिगड़ने का हौवा दिखाकर आशाएं निजी अस्पताल ले जाने की सलाह देती हैं। आशाओं के कमीशन के चक्कर में कई बार जच्चा-बच्चा की मौत तक हो जाती है।
इस तरह के अब तक कई मामले हो चुके हैं, मगर अफसर इससे अंजान बने हुए हैं। ऐसा ही मामला फर्रूखाबाद के कमालगंज में देखने को मिला है, जहां पर गांव की आशा ऊषा देवी महारूपुर रवि की महिला को प्राइवेट अस्पताल में ले गयी, वहां उसकी मौत हो गई।
पूरा मामला कमालगंज का है, कमालगंज थाना क्षेत्र के महारूपुर रवि में मुकेश की पत्नी शिवानी को डिलीवरी होनी थी। गांव की आशा बहू को सूचना देने के बाद आशा शिवानी को सीएससी कमालगंज ले गई। जहां पर उनसे कह दिया गया कि आपकी 4 दिन बाद डिलीवरी होगी। आशा ऊषा देवी ने कहा कि हम आपको प्राइवेट अस्पताल ले चलते हैं जहां पर आप की कम पैसों में डिलीवरी हो जाएगी और सभी सुविधाएं मिलेगी। ऊषा देवी शिवानी को कमालगंज के रेहान नर्सिंग होम ले गयी और अस्पताल में भर्ती करा दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि शाम के समय जबरदस्ती डिलीवरी करा दी गई, इससे बच्चे की मौत हो गई।
इसके बाद शिवानी की हालत काफी खराब होने लगी। परिजनों ने छुट्टी करने की बात कही, लेकिन रेहान नर्सिंग होम के कर्मचारियों ने परिजनों को गाली गलौज और मारपीट कर अस्पताल से भगा दिया। ज्यादा तबीयत खराब होने पर शिवानी को दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया, वहां शिवानी की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
गांवों में स्वास्थ्य सेवा बेहतर बनाने के लिए तैनात की गईं आशा मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में पहुंचाने का काम कर रही हैं। फर्रूखाबाद में झोलाछाप डाक्टरों के नर्सिग होम का बोलबाला है। एक नर्सिग होम की झोलाछाप नर्सों द्वारा प्रसव कराए जाने से जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में जिले में दर्जनों ऐसे अस्पताल चल रहे हैं। अधिकारी ऐसे नर्सिग होमों से अवैध वसूली भी करते हैं।