Farrukhabad News: ये हैं फर्रूखाबाद जिले की बड़ी खबरें, एक क्लिक में जानें पूरा अपडेट
फर्रूखाबाद में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। प्रधान से लेकर पंचायत मित्र रिश्वत खोरी में लिप्त हैं।
Farrukhabad News: फर्रूखाबाद में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। प्रधान से लेकर पंचायत मित्र रिश्वत खोरी में लिप्त हैं। पंचायत मित्र पर कॉलोनी के नाम पर 20-20 हजार रुपये लेने का आरोप लगा है। ताजा मामला कायमगंज तहसील के शमशाबाद ब्लॉक के ग्राम पंचायत अहमदगंज का है। वहां के ग्रामीण नन्हीं बिटिया पत्नी रामपाल, कृष्णा देवी पत्नी प्रमोद कुमार, राजकुमारी पत्नी रामबरन व मुन्नी देवी पत्नी जयदेव ने आरोप लगया है पूर्व प्रधान खुशी राम व पंचायत मित्र दलवीर सिंह ने लोगों के घर जाकर आवास देने के नाम पर 20 हजार रुपए मांगे। पैसे देने से इनकार कर देने पर सभी लोगों के नाम लिस्ट से काट दिए गए।
मीरा पत्नी अमित कुमार जोकि विकलांग भी है। इससे पहले पंचायत मित्र दलवीर के घर में तीन लोगों के नाम लिस्ट थे। जोकि इस प्रकार बताए गए बलवीर पुत्र कैलाश चंद्र, कैलाश चंद्र पुत्र लक्ष्मी जबकि पंचायत मित्र दलवीर के एक भाई अनिल कुमार पुत्र लक्ष्मी के नाम से कॉलोनी का 40 हजार रुपए भेज दिया गया और अनिल के पिता का नाम भी कैलाश चंद्र है। लेकिन कॉलोनी की लिस्ट में उसका नाम अनिल कुमार पुत्र लक्ष्मी दर्शाया गया है। लोगों का कहना है उसके पिता के नाम की जगह पर उसके बाबा का नाम किया गया है जबकि पूर्व प्रधान खुशीराम द्वारा बताया गया है कि इस पूरी लिस्ट में फेरबदल किया गया है।
इनके घर में सभी के नाम पर जॉबकार्ड है जिससे ये अवैध तरीके से पैसे निकालते है और बताया गया कि इन्होंने कुछ ऐसे एजेंट बनाए है जो इनसे केवल दो सौ रुपया लेते हैं बाकी सभी पैसे पंचायत मित्र दलवीर को दे देते है। एक ग्रामीण शिकायकर्ता के द्वारा बताया कि हमारे द्वारा कई बार मनरेगा में घोटाले से संबंधित जानकारी की शिकायत की गई जिसके बाद परियोजना निदेशक PD के द्वारा बताया गया था की पंचायत मित्र दलवीर को निलंबन पत्र व एपीओ के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। इसके बावजूद भी ब्लॉक अधिकारियों की मिली भगत से अभी तक पंचायत मित्र दलवीर पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।
पूर्व एमएलसी ने कोर्ट में किया समर्पण, मिली जमानत
Farrukhabad News: फर्रुखाबाद में आचार संहिता उलंघन के मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने पर पूर्व एमएलसी ने आज कोर्ट में समर्पण कर दिया। कोर्ट ने आचार संहिता के उल्लंघन के एक मामले में हाजिर न होने पर बसपा नेता और पूर्व एमएलसी मनोज अग्रवाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। जिसके बाद कोर्ट नें उन्हें जमानत दे दी।
बताते चलें कि फर्रूखाबाद के लोहाई रोड निवासी मनोज अग्रवाल की लालसराय के निकट मां रसोई है। वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े बसपा नेता पूर्व एमएलसी मनोज अग्रवाल की लाल दरवाजे के निकट माँ रसोई चल रही थी। आचार संहिता होने के बाद भी रसोई जब बंद नहीं हुई तो इसकी शिकायत अधिकारियों के पास पहुंची। जिसके चलते उड़न दस्ता प्रभारी मनोज कुमार मिश्र ने शहर कोतवाली में आचार संहिता उलंघन का मुकदमा दर्ज कराया था। इस शिकायत पर तत्कालीन उड़नदस्ता प्रभारी ने मां रसोई को बंद करा दिया था और इसके संचालक मनोज अग्रवाल, संजय आनंद, मधुपाल सिंह के खिलाफ शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विवेचक ने मामले में आरोप पत्र दाखिल किया। समन के बाद भी आरोपित अदालत में उपस्थित नहीं हुए।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रवीन कुमार त्यागी ने पूर्व एमएलसी मनोज अग्रवाल समेत दो लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। जिसमें सीजेएम ने पूर्व एमएलसी मनोज अग्रवाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट व मधुपाल सिंह पुत्र राम सिंह निवासी कलान शाहजहांपुर व संजय आनन्द पूर्व बसपा नेता के खिलाफ वारंट किये थे। उसी मामले में पूर्व एमएलसी ने अधिवक्ता डॉ. दीपक द्विवेदी के साथ जाकर सीजेएम कोर्ट में समर्पण किया। सीजेएम ने सुनवाई के बाद उन्हें जमानत दे दी।