Farrukhabad News: ऊसर वाले भोलेनाथ, अंग्रेजों ने हारकर मंदिर के शिवलिंग पर चलाई थी गोलियां
तुषौर के रहने वाले का मानना है कि वर्षों पहले इस मंदिर पर स्वामी ब्रह्मानन्द बाबा रहते थे। उनको सपने में भगवान शिव ने दर्शन दिए थे।
Farrukhabad News: फर्रुखाबाद को छोटा काशी भी कहा जाता है आज हम मिलवाते हैं राजेपुर विकास खंड के गांव तुसौर में ऊसर वाले भोलेनाथ से। ऊसर वाले के नाम से प्रसिद्ध शिव मंदिर के प्रति लोगों की अगाध श्रद्धा है । माना जाता है कि मंदिर मुग़ल काल से पहले का है क्योंकि मुगल काल से पहले ही अष्ट कोण के शिव मंदिर बनाए जाते थे। पूरे जिले में सैकड़ों अष्ट कोण शिव मंदिर थे लेकिन उपेक्षा का शिकार होने के कारण खंडहर हो गए।
तुषौर के रहने वाले का मानना है कि वर्षों पहले इस मंदिर पर स्वामी ब्रह्मानन्द बाबा रहते थे। उनको सपने में भगवान शिव ने दर्शन दिए। जब स्वामी जी ने मंदिर बनाने की उनसे अनुमति मांगी तो मना कर दिया तब उन्होंने काफी समय तक भगवान शिव की आराधना की और तब मंदिर बनाने की आज्ञा मिली। उन्हीं ने संवत 2009 में खंडहर चबूतरे पर मंदिर बनवाया था।
यहां आने वाला भक्त कभी निराश वापस नहीं जाता
मान्यता है कि यहां आने वाला भक्त कभी निराश वापस नहीं जाता है। पुजारी सूरज दिक्षित ने बताया कि एक मुग़ल सेना ने इस शिवलिंग को कई बार यहां से ले जाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए तो सेना के कमांडर ने शिवलिंग पर गोलियां चला दी। जिसके निशान अभी भी शिवलिंग पर दिखाई देते है।
इस मंदिर में करीब 200 बीघा जमीन है। उसी को पाने के लिए समाज के कुछ लोभियों ने स्वामी जी हत्या कर दी थी। उनकी माने तो अब पूरे देश में अष्ट कोण के मंदिर बनाने वाले कारीगर नही हैं। जो मंदिर में उस समय जैसी चित्रकला का प्रदर्शन कर सके। मंदिर के ऊपर सोने की चिड़िया लगी हुई थी जिसे चोरों ने चुरा लिया। मंदिर के अंदर सोने व चाँदी के मुकुट व छत्र भी लगे हुए थे। यह भी चोरी चले गए वर्तमान समय में बाबा रामगिरि और बाबा मधुसूदन दास यहां पुजारी के रूप में काम करते है ।
सावन के सोमवार का काफी महत्व है
सावन के सोमवार को यहां दूर दराज से भक्तगण शिवलिंग पर जलाभिषेक करने आते हैं। मुख्यालय से इस गांव की दूरी 14 किलोमीटर है। लेकिन रेलवे स्टेशन से 15 किलोमीटर की दूरी है यहां तक पहुंचने के लिए टैक्सी और बस से आसानी से पहुंचा जा सकता है। वहीं बस स्टॉप से 13 किलोमीटर की दूरी है वहां से भी पहुंचा जा सकता है।