Mahoba News: विद्युत आपूर्ति बाधित होने से डायलिसिस सेंटर से मायूस लौटे मरीज, एक्सरे-सीटी स्केन मशीने भी रही बंद
Mahoba News: महोबा जिला अस्पताल में पीपीपी मॉडल पर डायलिसिस सेंटर के शुरू होने के मात्र 10 दिन भी नहीं हुए की लापरवाही के चलते यहां आने वाले मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा।
Mahoba News: महोबा जिला अस्पताल में पीपीपी मॉडल पर डायलिसिस सेंटर के शुरू होने के मात्र 10 दिन भी नहीं हुए की लापरवाही के चलते यहां आने वाले मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। डायलिसिस सेंटर में विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर ना तो जरनेटर की व्यवस्था है और ना ही इनवर्टर आदि लगे हैं जिसके कारण आज पूरा दिन मरीजों को डायलिसिस सेंटर का लाभ नहीं मिल पाया तो वहीं इसके अलावा एक्स-रे मशीन और सीटी स्कैन के लिए भी मरीजों को परेशान होना पड़ा । विद्युत आपूर्ति बाधित होने के कारण मरीज बेरंग वापस लौटे।
उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर रखने के लिए हर संभव प्रयास करने में जुटी है शायद यही वजह है कि पीपीपी मॉडल के तहत भी सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ सेवा देने के लिए काम किया जा रहा है। महोबा के मरीजों को डायलिसिस की सुविधा मिल सके इसके लिए बीती 25 दिसंबर को जिलाधिकारी ने डायलिसिस सेंटर का शुभारंभ किया था।
विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर नहीं हो पा रहा डायलिसिस
पीपीपी मॉडल के तहत खुले इस डायलिसिस सेंटर में मशीनें तो मौजूद है लेकिन विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर डायलिसिस का लाभ मरीजों को मिल पा रहा। आज पूरा दिन विद्युतआपूर्ति बाधित होने के कारण यहां आने वाले मरीजों को डायलिसिस सेंटर का लाभ नहीं मिला। यही नहीं एक्सरे मशीन और सिटी स्कैन भी पूरी तरीके से बंद रही।
महोबा शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना इस कारण करना पड़ा। महोबा का रहने वाला मरीज राजेंद्र कुमार बताता है कि वह सुबह 9 बजे से जिला अस्पताल में है और शाम का समय होने के बावजूद भी उसका सीटी स्कैन नहीं हो पाया। पूछने पर पता चला कि विद्युत आपूर्ति बाधित है जिसके कारण ही सीटी स्कैन नहीं हो पा रहा है।
वहीँ कुलपहाड़ की राम कुमारी बताती है कि उसके पति की भी तबीयत खराब है अस्पताल लेकर पहुंची है लेकिन उसके पति का सीटी स्कैन नहीं कराया गया। साथ ही डायलिसिस सेंटर पर मौजूद मरीज भी बेड पर लेटे मिले लेकिन उनका डायलिसिस नहीं हो पाया है। जिला अस्पताल से विद्युत आपूर्ति लेकर ही इन मशीनों का संचालन होता है लेकिन जिला अस्पताल में जरनेटर होने के बावजूद भी उसके संचालित करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण वह बंद पड़ा है, यही कारण है कि डायलिसिस मशीन सहित अन्य मशीने पूरा दिन ठप्प पड़ी रही।
यहीं नहीं अस्पताल में पीपीपी मॉडल पर बनाए गए डायलिसिस सेंटर में अलग से कोई विद्युत व्यवस्था नहीं है। डायलिसिस सेंटर अस्पताल से मिलने वाली विद्युत आपूर्ति के भरोसे है। डायलिसिस सेंटर में तैनात ऑपरेटर अभिषेक बताता है कि अलग से जरनेटर के लिए आर्डर लगाया गया है जैसे ही आएगा तब सुचारू रूप से डायलिसिस सेंटर का संचालन होने लगेगा। लेकिन अभी जिला अस्पताल के जरनेटर के ही भरोसे व्यवस्था चल रही है एल्कीन भी बजट न हो पाने के कारण जरनेटर के लिए डीजल आदि नहीं मिल पाया जिस कारण आज पूरा दिन विद्युत आपूर्ति बंद होने के कारण आने वाले मरीजों का डायलिसिस नहीं हो सका है।