Mahoba News: बिजली जाने से बंद हुई ICU में लगी मशीन, ऑक्सीजन न मिलने से मरीज ने तोड़ा दम

Mahoba Latest News: जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड की विद्युत आपूर्ति बाधित होने से मरीज को ऑक्सीजन न मिलने से मौत हो गई।

Report :  Imran Khan
Update:2022-10-10 20:11 IST

जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड

Mahoba News Today : अपनी लापरवाही और अव्यवस्थाओं को लेकर हमेशा ही चर्चा में रहने वाले महोबा जिला अस्पताल में एक बार फिर लापरवाही के चलते एक वृद्ध मरीज की मौत हो गई है। दरअसल बताया जाता है कि शहर के भटीपुरा में रहने वाले 90 वर्षीय रामसेवक को बीमारी के चलते कल जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड (ICW Ward) में भर्ती कराया गया था। बीमार रामसेवक को ऑक्सीजन लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके लिए डॉक्टरों द्वारा उसे मशीन से ऑक्सीजन दिया जा रहा था, लेकिन आरोप है कि विद्युत आपूर्ति बाधित होने के कारण आईसीयू में लगी ऑक्सीजन मशीन बंद हो गई। 

मरीज को ऑक्सीजन नहीं मिल पाने के कारण हुई मौत

परिवार के सौरभ और प्रदीप ने स्टाफ नर्स से मरीज को ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने की मांग की लेकिन उन्होंने मना कर दिया। तकरीबन डेढ़ घंटे से अधिक समय तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहने से मरीज को ऑक्सीजन नहीं मिल पाया। जिसके कारण उसकी मौत हो गई। जबकि आईसीयू वार्ड में विद्युत आपूर्ति रखने के लिए एक जरनेटर भी लगा हुआ है, लेकिन उक्त जनरेटर में डीजल ही उपलब्ध ना होने के कारण विद्युत आपूर्ति शुरू नहीं की गई। नतीजा एक मरीज को अपनी जान देना पड़ गई।


मृतक के परिजनों ने लगाया ये आरोप

मृतक के परिजनों का आरोप है जब उनके द्वारा जरनेटर संचालक से जरनेटर शुरू करने की मांग की गई तो बताया गया कि डीजल ही उपलब्ध नहीं है जिसके कारण जरनेटर शुरू नहीं किया जा सकता और आखिरकार इस लापरवाही के कारण आईसीयू वार्ड में भर्ती रामसेवक ने दम तोड़ दिया। यहीं आईसीयू वार्ड में भर्ती मरीजों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है जहाँ भर्ती कई मरीज ऑक्सीजन न मिलने के कारण अपना वार्ड छोड़कर चले गए। वही अस्पताल के अन्य भागों में भी अंधेरा पसरा रहा। परिजनों का साफ तौर पर आरोप है की अस्पताल की लापरवाही के कारण ही उनके मरीज की मौत हुई है।


विद्युत आपूर्ति बाधित पर आईसीयू वार्ड प्रभारी ने दिया गोलमोल जवाब

वहीं, इस मामले को लेकर आईसीयू वार्ड प्रभारी डॉ राजेश भट्ट बताते हैं कि मरीज की हालत बेहद गंभीर थी जिसे रेफर भी किया गया था। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या अस्पताल की विद्युत आपूर्ति बाधित है तो वह गोलमोल जवाब देते नजर आए। बहरहाल इतना तो साफ है कि महोबा जिला अस्पताल प्रशासन भर्ती होने वाले मरीजों के प्रति गंभीरता नहीं बरत रहा और नतीजा आए दिन लापरवाही के आते मामले अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

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