Mahoba News: दीपावली पर्व में उजड़ गया गरीब का आशियाना, आग की लपटों से खाक हुई गृहस्थी

Mahoba News: शहर कोतवाली क्षेत्र के बिलबई गांव में आग की लपटों से एक गरीब का आशियाना उजड़ गया। बताया जाता है कि बीती देर रात अचानक मकान में आग लग गई। जिससे पूरा मकान धू धूकर जल कर राख हो गया।

Report :  Imran Khan
Update:2024-10-31 15:58 IST

Mahoba News: महोबा में आग की लपटों का तांडव देखने को मिला है। एक मकान में लगी भीषण आग से लाखों रुपए की गृहस्थी का सामान सहित मकान जलकर खाक हो गया। दीपावली पर्व में बेघर हुए परिवार में कोहराम मचा हुआ है। फायर ब्रिगेड और ग्रामीणों की मदद से जब तक आग पर काबू पाया गया तब तक सब कुछ जलकर राख हो चुका था। गरीब परिवार ने शासन और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।

आज दीपावली का पर्व है जहां हर और खुशी और जश्न का माहौल दिखाई दे रहा है, लेकिन शहर कोतवाली क्षेत्र के बिलबई गांव में आग की लपटों से एक गरीब का आशियाना उजड़ गया। बताया जाता है कि बीती देर रात अचानक मकान में आग लग गई। जिससे पूरा मकान धू धूकर जल कर राख हो गया। शहर कोतवाली क्षेत्र के बिलबई गांव निवासी देवीदीन अहिरवार के मकान में देर रात अचानक उठता धुआं और आग देख घर में सो रहा परिवार सहम उठा। सभी ने मकान से बाहर निकाल कर अपनी जान बचाई और आग बुझाने का प्रयास किया। देखते ही देखते ग्रामीण इकट्ठा हो गए और फायर ब्रिगेड को भी सूचना दी गई।

डेढ़ घंटे बाद पहुंची फायर ब्रिगेड ने ग्रामीणों की मदद से आग बुझाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन धीरे-धीरे पूरा मकान आग की लपटों से घिर गया और इससे पहले आग बुझ पाती पूरा मकान जलकर राख हो गया। देवीदीन अहिरवार बताता है कि उनके सर छुपाने का यह एक मात्र आशियाना था। दीपावली पर्व में त्योहार मनाने की तैयारी चल रही थी, लेकिन उसे नहीं पता था कि इस बार का दीपावली पर्व उसे बिना छत के मानना पड़ेगा। उसे अंदेशा है कि मकान में विद्युत शार्ट सर्किट के चलते आग लग गई। जिससे उनका घर राख हो गया। आग उतनी भीषण थी कि उस पर काबू नहीं पाया जा सका।

गनीमत रही कि मकान के दो थे परिवारजनों ने घर से समय रहते निकलकर अपनी जान बचाई हैं देवीदीन बताता है कि मकान के अंदर दो पुत्रों की शादी की गृहस्थी का सारा सामान रखा हुआ था, जिसमें सोने चांदी के जेवर भी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि तकरीबन सात लाख रुपए की गृहस्थी चलकर बर्बाद हो गई है। गरीब परिवार आग की लपटों के तांडव के कारण बेछत और बेसहारा हो गया और खुले आसमान में रहने को मजबूर है। पीड़ित देवीदीन और उसका परिवार शासन प्रशासन की ओर मदद की आस लगाए देख रहा है।

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