नोएडा: ब्रजपाल तेवतिया मामले में यूपी एसटीएफ ने मुख्य आरोपी मनीष को मुरादनगर से मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया। आरोपी पर पुलिस ने 15 हजार का इनाम भी घोषित कर रखा था।
गिरफ्तार अभियुक्त से पूछताछ पर पता चला कि 11 जून 1999 को मनीष के पिता सुरेश दीवान की दिल्ली मेें हत्या कर दी गई थी। इस संबंध मेें दिल्ली के थाना शकरपुर मेें केस दर्ज किया गया था, जिसमेें ब्रजपाल तेवतिया भी थे।
पिता का हत्यारा मानता था आरोपी
इस मामले में मनीष अपने पिता की हत्या के लिए ब्रजपाल तेवतिया को ही दोषी मानता था। इसी रंजिश के कारण मनीष ने करीब चार महीने पूर्व ब्रजपाल तेवतिया की हत्या करने का मन बना लिया था। उसने अपने ताऊ के लडके मनोज एवं उसके साले संसार सिंह के सामने इस योजना को रखा। इन दोनों ने ने मनीष की इस योजना में साथ देने का वादा किया। इसके बाद मनीष ने ब्रजपाल तेवतिया की हत्या करने के लिए एक गैंग तैयार किया। इस गैंग मेंं मनीष ने अपने साथ अपनेे ताऊ के लड़के मनोज, निशांत उर्फ जीतू, राहुल त्यागी, राम सिंह उर्फ रामकुमार, जितेन्द्र उर्फ पोपे, अभिषेक, बब्बल उर्फ योगेन्द्र ठाकुर और गौरव को शामिल किया।
बुलेटप्रूफ कार पर हमले की बनाई योजना
मनोज के माध्यम से पेशेवर शूटर अरुण कुमार उर्फ बिट्टू और दूसरे शूटर पहलवान को बुलाया गया। ब्रजपाल तेवतिया की हत्या के षड़यंत्र के संबंध मेंं मनीष, मनोज और संसार सिंह समय-समय पर बातचीत किया करते थे। इस दौरान गैंग के सभी सदस्य मौजूद रहते थे। मनीष ने बुलटप्रूफ गाडी पर भी हमला करने की योजना बनाई थी। इसलिए मनीष द्बारा बुलटप्रूफ गाड़ी का शीशा हथौडा या कुल्हाडी से तोड़कर फायरिंग करने की योजना भी बना ली गई थी।
जुलाई महीने से चल रही थी रेकी
ब्रजपाल सिंह तेवतिया को जान से मारने के संबंध में जुलाई महीने से नियमित रूप से रामसिंह और निशांत स्कूटी के जरिए रेकी कर रहे थे।
एक लाख रुपए में खरीदी फॉरच्यूनर
घटना से लगभग एक महीना पहले घटना में इस्तेमाल के लिए फॉरच्यूनर गाड़ी खरीदी गई। गौरव के माध्यम से पिन्टू बुलंदशहर से एक लाख रुपए में खरीदी गई थी। 10 अगस्त को राम सिंह ने रैकी करते समय तेवतिया के निकलने की बात फोन पर बताई। सभी आरोपियों ने उसी वक्त तेवतिया की गाड़ी का पीछा किया लेकिन किसी कारणवश हमला नहीं कर पाया।
घात लगाकर किया हमला
रैकी के आधार पर मनीष फॉरच्यूनर कार से काफिले के पीछे-पीछे मुरादनगर तक गया। राम सिंह स्कूटी पर था। वह ब्रजपाल तेवतिया के हर मूवमेंट की जानकारी मोबाईल के जरिए अपने साथियों को दे रहा था। ब्रजपाल तेवतिया पहले मुरादनगर कस्बे में एक कार्यक्रम में गए। इसके बाद वे रावली रोड़ पर एक तेहरवी कार्यक्रम में शामिल हुए। इसी दौरान फॉरच्यूनर कार में सवार मनीष के अन्य साथी घात लगाकर बैठ गए।
ऐसे दिया वारदात को अंतिम रूप
ब्रजपाल तेवतिया के कार्यक्रम से चलने की सूचना राम सिंह ने अपने साथियों को दी। गाड़ी समीप आने पर निशांत ने फॉरच्यूनर कार को ब्रजपाल तेवतिया की स्कॉर्पियों के सामने लगा दिया। सभी कार सवार बदमाशों ने एके-47 और स्वचालित हथियारोें से अंधाधुंध फायरिंग कर तेवतिया के काफिले पर हमला कर दिया। इसके बाद सभी मौके से मेरठ की ओर भाग निकले। मुरादनगर नहर के किनारे से जाकर फारच्यूनर गाड़ी को सुनसान इलाके में छोड़ दिया। अपने हथियारों को बैग में रखकर फिर मेरठ रोड़ पर आ गए।
कई स्थान बदले
मनीष टेम्पो में बैठ कर मोदीनगर में अपने परिचित के यहां छिपने के मकसद से जा रहा था। इसी दौरान मोदीनगर में पुलिस चेकिंग देखकर वह ऑटो से उतरकर अपने हथियारों का बैग लेकर भागा। पुलिस के पीछा करने पर पर हथियारों का बैग छोड़कर मनीष और उसके अन्य साथी अलग-अलग दिशाओं में फरार हो गए। इस दौरान मुख्य अभियुक्त मनीष घटना इटावा, मुजफ्फरनगर, देहरादून, झांसी और मध्यप्रदेश में छिपकर रह रहा था।
बरामद सामान
-30 एमएम कारबाईन
-8 जिंदा कारतूस, 30 एमएम कारबाईन
-2 खोखा, कारतूस, 30 एमएम कारबाईन
-1 मोटर साईकिल अपाचे (बिना नम्बर की)