बदली डेड बॅाडीः अस्पताल की बड़ी लापरवाही, परिजनों को दिया दूसरा शव

बरेली के अपेक्स हॉस्पिटल ने तो लापरवाही की सभी हदों को ही पार कर दिया। हॉस्पिटल ने दो परिजनों को अलग अलग डेड बॉडी दे दी।

Reporter :  Deshdeepak Gangwar
Published By :  Roshni Khan
Update:2021-04-23 16:06 IST

बरेली का मामला (फोटो- सोशल मीडिया)

बरेली: जिले में एक तरफ कोरोना अपना कहर बरपा रहा है और दूसरी तरफ प्राइवेट हॉस्पिटल की मनमानी भी कम होने का नाम नहीं ले रही है, बरेली के अपेक्स हॉस्पिटल ने तो लापरवाही की सभी हदों को ही पार कर दिया। हॉस्पिटल ने दो परिजनों को अलग अलग डेड बॉडी दे दी। काफी देर हंगामा होता रहा।

डॉक्टर को भगवान कहा जाता है लेकिन बरेली में इस भगवान ने लापरवाही की सभी सीमाओं को पीछे छोड़ दिया। हम बात कर रहे हैं बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र में बने एपेक्स हॉस्पिटल की, दरअसल कटरा चांद खान के महेश कुमार गुप्ता की कोविड रिपोर्ट आने के बाद उनको अपैक्स हॉस्पिटल में भर्ती किया गया, जहां महेश कुमार ने देर रात दम तोड़ दिया।

परिजनों को हॉस्पिटल का सभी बिल पेड करने के बाद बॉडी दी गई साथ ही ये शर्त रखी गई कि कोई इसको खोलके नही देखेगा, लेकिन बेहद बॉडी हल्की होने पर परिजनों ने खोल के देखा तो बॉडी महेश की नहीं बल्कि किसी वृद्ध व्यक्ति की थी। परिजनों ने जमकर हंगामा किया। पहले तो हॉस्पिटल मानने को ही राजी नहीं था कि डेडबॉडी बदल गई इसी बीच दूसरे परिजन भी वहां आगये और जमकर बबाल काटा दरअसल लापरवाही के चलते दोनो की बॉडी बदल गई।

हॉस्पिटल की लापरवाही यही खत्म नहीं हुई, दूसरा कोविड का मरीज राकेश की भी मौत अपैक्स हॉस्पिटल में हुई। बिल पे करने से पहले उनको बॉडी छूने भी नही दी गई। उनको भी सील बॉडी को खोलने की अनुमति नही थी, लेकिन श्मसान भूमि में चिता पर रखते वक़्त उसके चेहरे को ख़ोल कर देखा तो डेडबॉडी राकेश की नही थी। उनके परिजन हॉस्पिटल में पहुंचे तो हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया।

पूरे मामले में गौर करने वाली बात ये हैं कि इस दोनों की बॉडी अदला बदली नही हुई है क्योंकि महेश की बॉडी कहाँ गई इसके बारे में हॉस्पिटल प्रशासन नहीं बता पा रहा है और न ही इस बात की पुष्टि हों पा रही है कि महेश की मौत हुई भी है अथवा नहीं अगर नही तो वह कहा है ।

परिजन

इस मामले में हॉस्पिटल के डॉक्टरों से बात की तो वो उल्टा मीडिया पर ही भड़क गए और डेडबॉडी के बदलने के प्रकरण को सिरे से ही नाकार दिया, जबकि हॉस्पिटल के बाहर परिजन हंगामा कर रहे थे। मौके पर पहुची भारी पुलिस बल परिजनों को समझने की कोशिश कर रही थी, लेकिन परिजन इस मामले में हॉस्पिटल प्रशासन पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे। ये कोई पहला मामला नहीं है, जब प्राइवेट हॉस्पिटल की लापरवाही उजागर हुई है। कोरोना काल में हॉस्पिटलों को ज्यादा सजग रहने की जरूरत है, लेकिन बरेली के हॉस्पिटल इस आपदा को अवसर के रूप में देखते हुए मोटी कमाई में लगे हैं।

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