भगवान शिव की भक्ति में मुन्ने अली कुछ यूं मगन हुए, मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू बन गए

भगवान शिव का ध्वज तो वह फहराते ही हैं, साथ ही शिव जी का श्रृंगार और रूद्र अभिषेक जैसे कार्यक्रमों को करा कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

Update: 2017-03-02 07:55 GMT

रामपुर: कहते हैं कि भगवान को तो बस भक्ति चाहिए वो धर्म या जाति नहीं देखते हैं। हाल ही में मुन्ने अली की जिंदगी में कुछ ऐसा हुआ कि प्रभु की भक्ति से वो मुन्ने अली से मुन्ने हरि बन गए। उनका कहना है कि भगवान शिव ने उनकी जिंदगी बदल डाली।

कौन हैं यह मुन्ने हरि

-उत्तर प्रदेश के जिला रामपुर के रहने वाले मुन्ने अली का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था।

-मुन्ने अली के पिता सोलत अली रामपुर की रजा टेक्सटाईल में काम करते थे। उनके दो पुत्र थे।

-मुन्ने हरि उनके सबसे छोटे पुत्र थे। करीब बीस सालों से वह भगवान शिव की आराधना कर रहे हैं।

-मुन्ने अली की मानें, तो एक बार उनके जीवन में भगवान शिव ने ऐसा चमत्कार किया कि मरने के बाद जीवित हो गए।

-परिवार के विरोध के बाद भी उन्होंने भगवान शिव की भक्ति नहीं छोड़ी।

-वह रामपुर जिला स्थित भमरोबा प्राचीन शिव मंदिर हो या राठौड़ प्राचीन शिव मंदिर।

-यहां भगवान शिव का ध्वज तो वह फहराते ही हैं, साथ ही शिव जी का श्रृंगार और रूद्र अभिषेक जैसे कार्यक्रमों को करा कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

-प्रभु का आशीर्वाद मान कर ही वो लोगों के दुःख दर्द कम करने का काम कर रहे हैं।

आगे की स्लाइड में जानिए क्यों बदला मुन्ने अली ने अपना धर्म

-मुन्ने अली मुस्लिम परिवार में पैदा हुए, लेकिन छह साल की उम्र के बाद अचानक उनका मन बदलने लगा।

-धीरे-धीरे भगवान की ओर उनकी आस्था बढ़नी शुरू हो गई और वो भगवान शिव की भक्ति में डूबने लगे।

-मुन्ने अली बताते हैं परिवार वालों ने पूजा-अर्चना का काफी विरोध किया।

-इस विरोध के बाद भी उन्होंने भगवान की पूजा-अर्चना करना बंद नहीं किया।

-साथ अपना नाम बदलकर मुन्ने अली से मुन्ने हरि रख लिया।

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