Sonbhadra News: यूपी की ऐसी नगर पंचायत, जहां नहीं हो पा रही पीएम-सीएम के ड्रीम प्रोजेक्टों की इंट्री

Sonbhadra News: सोनभद्र में यूपी की एक ऐसी ग्राम पंचायत है, जहां लगभग 25 हजार की आबादी के लिए पीएम-सीएम आवास सहित कई ड्रीम प्रोजेक्ट स्वप्न बनकर रह गए हैं।

Update: 2022-12-03 13:03 GMT

Sonbhadra News (Newstrack)

Sonbhadra News: एक तरफ जहां सूबे में निकाय चुनाव को लेकर तेजी से सियासी बिसात बिछनी शुरू हो गई हैं। वहीं दूसरी तरफ सोनभद्र में यूपी की एक ऐसी नगर पंचायत है, जहां लगभग 25 हजार की आबादी के लिए पीएम-सीएम आवास सहित कई ड्रीम प्रोजेक्ट स्वप्न बनकर रह गए हैं। सुनने में यह बात थोड़ी अटपटी जरूर लग रही है लेकिन राजस्व रिकर्ड में अपने वजूद को तलाशने में जुटी, प्रदेश की पुरानी नगर पंचायतों में एक पिपरी नगर पंचायत की फिलहाल यहीं हकीकत है। बसपा सरकार में यहां के गरीबों के लिए लाखों की लागत से काशीराम आवास भवन भी बनवाया गया लेकिन वह भी शो-पीस बनकर रह गया है।

जमीन का मसला संसाधनों पर भी लगाए हुए है बे्रक

यहां के चेयरमैन दिग्विजय प्रताप सिंह के दावों पर यकीन करें, तो वर्ष 1958 में लगभग तीन हजार बीघे जमीन पर नगर पंचायत के रूप में नोटिफाइड घोषित की गई। एरिया को जहां, अभी तक राजस्व रिकार्ड में नगरपंचायत के रूप में इंट्री न मिलने और होने वाले विकास कार्यों में कभी राज्य जल विद्युत उत्पादन निगम, कभी सिंचाई विभाग, कभी वन विभाग की तरफ से दर्ज कराई गई आपत्ति के चलते, पुरानी नगर पंचायत होने के बावजूद, संसाधनों के मामले में पिछड़ी हुई है।

पीडब्ल्यूडी डाक बंगल में पत्रकारों से वार्ता के दौरान बताया कि इस पेंच के चलते, पिपरी नगर पंचायत में अब तक किसी पात्र को पीएम या सीएम आवास तक नहीं मिल पाया गया है। इसी तरह लगभग 25 हजार की आबादी कई तरह की योजनाओं के लाभ से भी वंचित हो जा रही है।

यहां बताया जा रहा पेंच, शासन से राहत की हो रही उम्मीद

पिपरी नगर पंचायत के मसले को लेकर डीएम की तरफ से शासन को भेजी गई रिपोर्ट पर गौर करें तो तत्कालीन दुद्धी स्टेट की लगभग 3285 एकड़ जमीन रिहंद बांध निर्माण के समय सौंपी गई थी, जिसमें से लगभग 1186 एकड़ जमीन बच गई थी।

इस खाली जमीन पर 1958 में पिपरी नगर पंचायत का गठन तो कर दिया गया लेकिन राजस्व रिकर्ड में पिपरी नगर पंचायत को यह जमीन नहीं मिल पाई। इसके चलते यहां नगर पंचायत प्रशासन की मौजूदगी और उससे जुड़ी गतिविधियां तो संचालित हैं लेकिन नगरपंचायत एरिया के जमीनों के स्वामित्व को लेकर फंसे पेंच के चलते, यहां निवास करने वाली आबादी सरकारी योजनाओं के लाभ के साथ, बैंक से लोन आदि का भी लाभ नहीं ले पा रही है।

पेंच के बावजूद कई सौगातों को हासिल करने में मिली कामयाबी

एक तरफ जहां जमीन को लेकर फंसे पेंच का मसला शहरी निर्बल आवास सहित कई योजनाओं से लोगों को वंचित किए हुए हैं। वहीं हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण सौगात भी यहां के लोगों को उपलब्ध हुई हैं।

चेयरमैन दिग्विजय प्रताप सिंह बताते हैं कि प्रसिद्ध पर्यटन स्थल डोगिया चैपाटी, में नगर पंचायत की तरफ से नौकायन/वाटर स्पोट्र्स की सुविधा उपलब्ध कराकर जहां लोगों की लंबे समय से लंबित मांग पूरी की गई है।

वहीं 50 बेड का वातानुकूलित रैन बसेरा, रिहंद के ऐतिहासिक पुल के दोनों छोर पर हाईमास्क, नगरीय स्वास्थ्य केंद्र, जैसे कई नई सुविधाएं मिली हैं, जिससे पिपरी नगर पंचायत को एक अलग पहचान प्राप्त हुई है।

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