अवैध रूप से रहने वाले विदेशियों को चिह्नित करना NRC से वास्ता नहीं: डीजीपी

प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्ट्रेशन (एनआरसी) को लेकर अपनी ओर से जारी निर्देशों को लेकर मंगलवार को स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने अवैध रूप से रहने वाले विदेशी लोगों की जांच पड़ताल की इस कवायद को एनआरसी से जोड़े जाने से इनकार किया।

Update: 2023-06-28 10:35 GMT

लखनऊ: प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्ट्रेशन (एनआरसी) को लेकर अपनी ओर से जारी निर्देशों को लेकर मंगलवार को स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने अवैध रूप से रहने वाले विदेशी लोगों की जांच पड़ताल की इस कवायद को एनआरसी से जोड़े जाने से इनकार किया।

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पुलिस महानिदेशक ने कही ये बात

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि यूपी पुलिस की इस कवायद का एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है। इसमें बांग्लादेशी और अवैध रूप से यहां रह रहे विदेशी लोगों की पहचान की जाएगी और उनके दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा। यदि उनके दस्तावेज गलत पाए जाते हैं तो उन्हें निर्वासित करने की प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सोमवार को जारी पत्र में एनआरसी का कहीं भी उल्लेख नहीं है। इसमें अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशी और अन्य विदेशी नागरिकों की पहचान और दस्तावेजों की जांच की बात कही गई है, जिससे आन्तरिक सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ किया जा सके तथा आगामी त्यौहार शांतिपूवर्क सम्पन्न किए जा सकें।

अवैध रूप से रह रहे नागरिको की होगी इस तरह से पहचान

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि इसका उद्देश्य फरार अपराधियों की गिरफ्तारी भी है। पहले भी इस तरह के महत्वपूर्ण सत्यापन अभियान चलाये जा चुके हैं और भविष्य में भी यह प्रक्रिया चलती रहेगी। इस दौरान सभी जिलों के बाहरी छोर पर स्थित रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, रोड के किनारे व उसके आसपास नई बस्तियों की पहचान की जाएगी जहां बांग्लादेशी व अन्य विदेशी नागरिक अवैध रूप से शरण लेते हैं। सतर्कता के साथ सत्यापन के इस कार्य की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जाएगी। जांच में अगर संबंधित व्यक्ति अपना पता अन्य राज्यों, जिलों में बताता है तो समयबद्ध तरीके से उसका सत्यापन कराया जाएगा।

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मामले की जांच में जुटी पुलिस

पुलिस इस बात की भी पड़ताल करेगी कि विदेशी नागरिकों ने अपने प्रवास को विनियमित करने के लिए कौन-कौन से फर्जी अभिलेख व सुविधाएं ले ली गई हैं। इसमें राशन कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, शस्त्र लाइसेंस, पासपोर्ट व आधार कार्ड हो सकते हैं। इन फर्जी अभिलेखों व सुविधाओं के बारे में जांच पूरी होने पर उनके निरस्तीकरण की कार्रवाई होगी। इसके साथ ही यह सुविधाएं मुहैया कराने वाले बिचौलियों व विभागीय कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस महानिदेशक ने कहा है कि विदेशी नागरिक अधिनियम के अन्तर्गत दिए गए दायित्वों के निर्वहन के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

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