लखनऊ: बसपा छोड़ने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्या ने जब कायकर्ताओं का हुजूम इकट्ठा कर अपनी ताकत दिखाई, तभी यह अंदाजा हो गया था कि अब वह अलग पार्टी बनाकर नई राजनीतिक पारी शुरू कर सकते हैं। लेकिन एनआरएचएम घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की सक्रियता ने इसमें थोड़ा सा टि्वस्ट ला दिया है।
मिल सकते हैं हाथ
-मौर्या समर्थकों की मानें तो वह जल्द ही जन अधिकार मंच के बैनर तले जा सकते हैं।
-इसमें मौर्या के साथ बसपा छोड़ चुके पूर्व विधायक, सांसद व कोआर्डिनेटरों के भी शामिल होने की संभावना है।
-मौर्या पहले ही कह चुके हैं कि वह बसपा छोड़ चुके नेताओं के सम्पर्क मे हैं और उनको एकजुट कर बसपा सुप्रीमो मायावती का घमंड तोड़ेंगे।
कुशवाहा की भी सक्रियता बढ़ी
-जानकारों के मुताबिक जेल से बेल मिलने के बाद कुशवाहा ने जिला स्तरीय दौरों का कार्यक्रम शुरू किया था।
-लेकिन मौर्या के बसपा से इस्तीफे के बाद कुशवाहा ज्यादा सक्रिय हो गए हैं। वह भी इसी कोशिश में जुटे हैं, कि बसपा छोड़ चुके लोग एक बैनर के नीचे इकट्ठा हों।
क्या है जन अधिकार मंच?
-बसपा से नाता टूटने के बाद बाबू सिंह कुशवाहा ने जन अधिकार मंच का गठन किया था, जो अब बाकायदा राजनीतिक पार्टी के रूप में दर्ज हो चुकी है।
-बताया जा रहा है कि मंच ने विधानसभा चुनाव में पोलिटिकल पार्टियों से गठजोड़ का विकल्प खुला रखा है।
-संभावना है कि इसी गठबंधन के फार्मूले के साथ मंच विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरेगा।
-सीबीआई ने एनआरएचएम घोटाले के आरोपी कुशवाहा को 16 फरवरी 2012 को डासना जेल भेजा था और फरवरी 2016 में उन्हें बेल मिली थी।
चौधरी भी हैं कुशवाहा के संपर्क में
-उधर बसपा छोड़ चुके आरके चौधरी के समर्थकों का कहना है कि उनकी भी स्वामी प्रसाद मौर्या व कुशवाहा से बात हो चुकी है।
-हालांकि, मौर्या ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं और सितम्बर में प्रस्तावित रैली के बाद ही उनका रुख साफ हो पाएगा। लेकिन कुशवाहा से बढ़ती निकटता नया गुल खिला सकती है