मायावती को तगड़ा झटका: बीजेपी की तरफ बढ़े ये दिग्गज नेता, पार्टी को होगा नुकसान

रामवीर उपाध्याय के भाजपा में शामिल होने के कयास बीते काफी समय से लग रहे है। बीती 22 अगस्त की शाम को रामवीर उपाध्याय ने यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से मुलाकात की थी।

Update: 2020-10-01 08:05 GMT
मायावती को तगड़ा झटका: बीजेपी की तरफ बढ़े ये दिग्गज नेता, पार्टी को होगा नुकसान (social media)

लखनऊ: एक समय में मायावती के करीबी और बहुजन समाज पार्टी के पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय के पुत्र चिराग उपाध्याय ने अपने समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ले ली है। भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने चिराग उपाध्याय को उनके कई समर्थकों के साथ पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई है। इसके बाद अब एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की चर्चा भी शुरू हो गई है।

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रामवीर उपाध्याय के भाजपा में शामिल होने के कयास बीते काफी समय से लग रहे है

रामवीर उपाध्याय के भाजपा में शामिल होने के कयास बीते काफी समय से लग रहे है। बीती 22 अगस्त की शाम को रामवीर उपाध्याय ने यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि विरोधी दलों द्वारा भाजपा पर लगातार लगाये जा रहे ब्राहम्ण विरोधी होने के आरोपो के जवाब में रामवीर उपाध्याय को भाजपा में शामिल किया जायेगा। इससे पहले रामवीर ने बीते मार्च माह में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर उनकी सिकंदरामऊ स्थित कोठी रामवती कुंज को आइसोलेशन वार्ड बनाने का आग्रह करते हुए कहा था कि इस कोठी में आइसोलेशन वार्ड बनाने पर वहां बिजली-पानी की व्यवस्था भी वह स्वयं करेंगे।

Ramveer Upadhyay (social media)

हाथरस के सादाबाद से विधायक रामवीर उपाध्याय को बसपा का प्रमुख ब्राह्म्ण चेहरा माना जाता है

हाथरस के सादाबाद से विधायक रामवीर उपाध्याय को बसपा का प्रमुख ब्राह्म्ण चेहरा माना जाता है। एक समय बसपा सुप्रीमों मायावती के करीबी रहे रामवीर उपाध्याय ने लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी एसपी सिंह के पक्ष के समर्थन में अपील की थी और चुनाव जीतने के बाद उन्हे गले लगा कर शुभकामनाएं भी दी थी। जिसके बाद मायावती ने रामवीर को बीते लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी से निलंबित कर दिया था।

Chirag Upadhyay (social media)

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इस दौरान उनके भाजपा में आने कई बार कयास लगे लेकिन बीते जनवरी माह में उन्होंने कहा था कि भाजपा समेत कई अन्य दलों के बड़े नेता भी उनसे संपर्क में है लेकिन वह विधानसभा चुनाव से 06 महीने पहले यह फैसला लेंगे कि उन्हें किस राजनीतिक दल में शामिल होना है। इसके लिए वह अपने समर्थकों व क्षेत्र की जनता से भी काफी विचार-विमर्श करेंगे। उन्होंने कहा था कि वह दलबदलू नहीं हैं। हाथरस जिले की तीनों विधानसभा सीटों से एमएलए चुने जा चुके हैं। बसपा को उन्होंने खुद नहीं छोड़ा, बल्कि पार्टी ने ही उन्हें निलंबित किया है।

मनीष श्रीवास्तव

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