CM योगी तानाशाह! मायावती का बड़ा हमला, बोली- यूपी में विपक्ष पर बरसी लाठियां
मायावती ने कहा कि हाथरस में मीडिया के जाने पर उनके साथ बदसलूकी और विपक्षी नेताओं व लोगों के साथ पुलिस का हुआ लाठीचार्ज अति निन्दनीय व शर्मनाक था।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने योगी सरकार को अहंकारी और तानाशाह करार दिया है। बसपा सुप्रीमों ने हाथरस गैंगरेप काण्ड में मीडिया के साथ बदसलूकी और विपक्षी दलों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज की निन्दा करते हुए यूपी की योगी सरकार को अपने अहंकारी और तानाशाही रवैये को बदलने की सलाह दी है।
मायावती का योगी सरकार के खिलाफ आरोप
बसपा सुप्रीमों मायावती ने सोमवार सुबह टवी्ट कर कहा कि हाथरस गैंगरेप कांड के बाद सबसे पहले पीड़ित परिवार से मिलने व सही तथ्यों की जानकारी के लिए वहां 28 सितम्बर को बीएसपी प्रतिनिधिमंडल गया था, जिनकी थाने में ही बुलाकर उनसे वार्ता कराई गई थी। वार्ता के बाद मिली रिपोर्ट अति दुखद थी, जिसने मुझे मीडिया मेें जाने के लिए मजबूर किया।
हाथरस गैंगरेप कांड में विपक्षी पर लाठीचार्ज और मीडिया से बदसलूकी
अगले टवी्ट में मायावती ने कहा कि इसके बाद वहां मीडिया के जाने पर भी उनके साथ बदसलूकी तथा कल व परसों विपक्षी नेताओं व लोगों के साथ पुलिस का हुआ लाठीचार्ज आदि अति निन्दनीय व शर्मनाक। सरकार को अपने इस अहंकारी व तानाशाही वाले रवैये को बदलने की सलाह, वरना इससे लोकतंत्र की जडे़ कमजोर होगी।
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बसपा सुप्रीमों ने सीबीआई जांच की सिफारिश पर आशंका जताई
इससे पहले बीते रविवार को बसपा सुप्रीमों ने यूपी सरकार द्वारा सीबीआई जांच की सिफारिश पर आशंका जताई थी कि पीड़ित परिवार को धमकाने के आरोपी हाथरस के जिलाधिकारी के वहां तैनात रहते इस मामलें की निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है। उन्होंने टवी्ट कर कहा था कि हाथरस गैंगरेप कांड के पीड़ित परिवार ने जिलें के डीएम पर धमकाने आदि के कई गंभीर आरोप लगाये है, फिर भी यूपी सरकार की रहस्मय चुप्पी दुखद व अति चिन्ताजनक। हालांकि सरकार सीबीआइ जांच हेतु राजी हुई है किन्तु उस डीएम के वहां रहते इस मामलें की निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है? लोग आशंकित।
योगी सरकार की हाथरस में घेरेबंदी क्यों
बता दे कि हाथरस में एक दलित बच्ची के दुष्कर्म के बाद उसकी मौत और बगैर परिजनों की रजामंदी के किए गए अंतिम संस्कार को लेकर सभी विपक्षी दल द्वारा यूपी की योगी सरकार की घेरेबंदी के कारण स्थानीय जिला प्रशासन ने बच्ची के गांव में धारा-144 लागू करके सभी के आने जाने पर रोक लगा दी थी। जिस पर स्थानीय जिला प्रशासन की चहुओर आलोचना हुई थी और भाजपा के ही कुछ वरिष्ठ नेताओं ने जिला प्रशासन के इस कदम को गलत ठहराया था। जिसके बाद यूपी की योगी सरकार ने हाथरस के पुलिस कप्तान समेत कुछ अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया था।
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जबकि शनिवार को यूपी सरकार ने पीड़िता के गांव में मीडिया को जाने की अनुमति देते हुए इस मामलंे की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था। इसके बाद रविवार को कई विपक्षी दलों के नेता पीड़िता के परिजनों से मिलने पहुंचे प्रशासन ने हर दल के पांच-पांच नेताओं को जाने की अनुमति दी लेकिन सपा प्रतिनिधिमंडल के गांव में घुसते ही वहां बड़ी संख्या में एकत्र सपा कार्यकर्ताओं ने भी गांव में घुसने की कोशिश की जिस पर पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया।
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