मेरठ: किठौर में एक बवाल के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राज्यसभा सदस्य मुनकाद अली के बेटों को पार्टी से से निकाल दिया गया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुनकाद के बेटों सलमान व फरमान को पार्टी से बाहर कर दिया। साथ ही कहा है, कि 'सांसद को यदि बेटों के खिलाफ कार्रवाई बुरी लगती है, तो वह पार्टी में रहने या छोड़कर जाने के लिए आजाद हैं।'
क्या है मामला?
-दरअसल, बुधवार को किठौर कस्बे में एक दुकान पर कब्जे को लेकर विवाद हो गया था।
-बता दें, कि मुनकाद के बेटे सलमान की पत्नी निदा परवीन चेयरपर्सन चुनी गई हैं।
-इस विवाद में पूर्व चेयरपर्सन मतलूब गौड़ और नए चेयरपर्सन दोनों पक्ष के लोग भिड़ गए थे।
-दरअसल, इस दुकान को लेकर दोनों पक्ष अपना-अपना दावा पेश कर रहे थे।
-पुलिस ने दोनों पक्षों की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
पार्टी से निकाला बाहर
-बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ से दिए बयान और बाद में विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि मुनकाद अली की बहू हाल में मेरठ जिले की किठौर नगर पंचायत से पार्टी से टिकट पर अध्यक्ष चुनी गई हैं।
-पता चला है कि सांसद के बेटे सलमान वहां अपने कुछ समर्थकों के साथ एक दुकान के मामले में जबरन कब्जा करने व एक दलित की दुकान में तोड़फोड़ करने में शामिल हैं।
-उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए कानून को हाथ में लेने के कारण मुनकाद अली के बेटों को बसपा से निकाल दिया।
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अगर कार्रवाई बुरी लगे तो आप भी...
-बसपा सुप्रीमो ने कहा, कि यदि सांसद मुनकाद के बेटों के खिलाफ कार्रवाई बुरी लगती है तो वह भी पार्टी में रहने या ना रहने के लिए स्वतंत्र हैं।
-यदि पुत्रमोह से अलग हटकर पार्टी हित में इस फैसले का स्वागत करते हैं तो पार्टी इन्हें पूर्व व वर्तमान की तरह आगे भी पूरा आदर-सम्मान देती रहेगी।
चर्चा में रहा मुद्दा
-यह मुद्दा सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया। पूर्व चेयरपर्सन मतलूब गौड समर्थक डॉ.वीर सिंह दलित है।
-उनकी ओर से मुनकाद के बेटों पर मुकदमा दर्ज कराया गया था।
-बवाल के बाद सोशल मीडिया पर दलित उत्पीड़न का मामला खूब छाया रहा।
-कहा गया, कि सांसद के बेटों ने दलितों पर जुल्म ढाया।
-उनके उत्पीडन से तंग आकर दलित किठौर से पलायन कर रहे हैं।
-इसके बाद मामले पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने संज्ञान लिया।
क्या बोले मुनकाद अली
-मामले पर मुनकाद अली ने कहा, कि वीर सिंह नाम के व्यक्ति ने साजिश की है, वह कभी बसपा में नहीं रहा है।
-उन्होंने सोशल मीडिया के दुरूपयोग का आरोप लगाया।
-साजिश के तहत माहौल बिगाड़कर मुझे दलित विरोधी करार देने की कोशिश की गई।
-माहौल को शांत करने के लिए बहनजी ने यह कार्रवाई की है। मैं उनके फैसले का स्वागत करता हूं।
-मायावती मेरी नेता हैं और उनके हर आदेश का पालन होगा। मैं बसपा में हूं और आगे भी रहूंगा।