Mayawati News: न इंडिया न एनडीए... मायावती का बड़ा ऐलान, बीएसपी अपने दम पर लड़ेगी लोकसभा का चुनाव

Mayawati News: बीएसपी सुप्रीमा ने स्पष्ट कर दिया है कि न वह इंडिया का हिस्सा बनने वाली हैं और न ही एनडीए का। बीएसपी पंजाब और हरियाणा में क्षेत्रिय दलों के साथ कुछ शर्तों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी तो वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में वह अकेले ही मैदान में उतरेगी।

Update:2023-07-19 13:14 IST
Mayawati (photo: social media )

Mayawati News: न इंडिया न एनडीए बहुजन समाज पार्टी इन दोनों में से किसी में भी जाने के मूड में नहीं है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इन दोनों पर जमकर हमला बोलते हुए एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी पंजाब और हरियाणा में वहां के क्षेत्रिय दलों के साथ कुछ शर्तों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी तो वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीएसपी अकेले ही अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरेगी। यहां वह किसी से गठबंधन नहीं करेगी। वहीं मायावती ने इसके साथ ही यह भी साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी 2024 का लोकसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी। बीएसपी सुप्रीमो ने आगे कहा कि एक तरफ सत्ता पक्ष फिर से अपनी सरकार बनाने की दलीलें दे रहा है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी गठबंधन के सहारे सत्ता में आने के सपने देख रही है। दोनों ही गठबंधन सरकार में आने के लिए अपने-अपने दावे ठोक रहे हैं, लेकिन जिन लोगों ने पहले जो वादे किये थे, वो खोखले साबित हुए।

...तो इंडिया और एनडीए से कोई संबंध न रखें-

मायावती ने एनडीए और इंडिया को नकारते हुए कहा कि क्षेत्रीय दलों को अगर साथ आना है तो उसके लिए शर्त यह है कि उनका एनडीए और बदले गए यूपीए से भी कोई संबंध नहीं होना चाहिए। बीएसपी को भी सत्ता पर आसीन होने का अवसर मिल सकता है। उन्होंने कहा कि इन सब बातों को ध्यान में रखकर बसपा को मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना जैसे राज्यों में अकेले चुनाव लड़कर अपना दमखम दिखाना है।

बीजेपी की बातों में कथनी और करनी का अंतर-

उन्होंने कहा कि बीजेपी 300 से अधिक सीटें लाने की बातें कर रही है, लेकिन उनकी बातों में भी कथनी और करनी का अंतर है। उनकी कथनी करनी में कांग्रेस की तरह ही कोई खास बदलाव नहीं आता है। उन्होंने कहा, सत्ता में रहने के दौरान बीजेपी के दावे भी खोखले ही साबित होते रहे हैं। बता दें कि इससे पहले मायवती ने समान नागरिक संहिता को लेकर भी अपना रुख स्प्षट कर दिया था। बसपा सुप्रीमों ने कहा था कि उनकी पार्टी यूसीसी के विरोध में नहीं है। मगर संविधान इसे थोपने का समर्थन नहीं करता है। उन्होंने कहा था कि बीजेपी को यूसीसी से जुड़े सभी आयामों पर विचार करना चाहिए। हमारी पार्टी यूसीसी लागू करने के खिलाफ नहीं है। लेकिन यूसीसी लागू करने के बीजेपी मॉडल पर हमारी असहमति है। मायावती का यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्ष एकजुटता दिखाने की कोशिश में जुटा है तो वहीं एनडीए अपने गठबंधन में कई दलों को शामिल करने में लगा है। मायावती के बयान से अब तो यह स्पष्ट हो गया है कि वह न इंडिया में जाने वाली हैं और न ही एनडीए में।

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