मायावती ने राष्ट्रपति के बाद अब उप-राष्ट्रपति चुनाव में NDA उम्मीदवार का किया समर्थन, CBI-ED का भूत या फिर कुछ और...

Vice-Presidential Election: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने राष्ट्रपति चुनाव के बाद अब उपराष्ट्रपति के चुनाव में भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को समर्थन देने का ऐलान किया है।

Report :  Sushil Kumar
Update: 2022-08-03 09:28 GMT

Vice-Presidential Election: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती (Bahujan Samaj Party chief Mayawati) ने राष्ट्रपति चुनाव (presidential election 2022) के बाद अब उपराष्ट्रपति के चुनाव (Vice President election 2022) में भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) को समर्थन देने का ऐलान किया है। कहा जा रहा है कि उपराष्ट्रपति के चुनाव में उन्होंने जगदीप धनखड़ का समर्थन किया है तो उनका ये स्टैंड बीजेपी (BJP) के लिए है। इससे पहले मायावती ने राष्ट्रपति चुनावों में आदिवासी महिला उम्मीदवार के नाम पर बीजेपी को वोट किया था। मायावती के इस फैसले से कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

विपक्षी नेताओं के साथ ही कुछ राजनीतिक विश्लेषक तो भ्रष्टाचार के कई आरोपों से घिरी मायावती की बीजेपी को समर्थन देने की ये घोषणाओं के पीछे सीबीआई-ईडी (CBI-ED) का भूत बता रहे हैं। गौरतलब है कि बीते कई सालों से ईडी और सीबीआई के रडार पर मायावती हैं। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Former Congress President Rahul Gandhi) ने कहा भी था कि "मायावती जी इस बार उत्तर प्रदेश में दलितों की आवाज के लिए नहीं लड़ीं, क्योंकि सीबीआई, ईडी और पेगासस का डर है।" राहुल गांधी ने दावा किया कि उन्होंने बसपा मुखिया को अपनी पार्टी से गठबंधन करने और प्रदेश की मुख्यमंत्री तक बनाने का ऑफर दिया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

बीएसपी कहीं न कहीं बीजेपी को सपोर्ट कर रही है

यूपी की मौजूदा विधानसभा में मायावती के सिर्फ़ एक विधायक हैं, जबकि लोकसभा में उनकी पार्टी के 10 सांसद हैं। बता दें कि रामपुर में भी मायावती ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था जिससे ये संदेश गया कि बीएसपी कहीं न कहीं बीजेपी को सपोर्ट कर रही है। इससे पहले बीते विधानसभा चुनावों में जैसा कि कई विश्लेषकों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच जो अंतर रहा, उसकी एक वजह 'बीएसपी से शिफ़्ट हुआ वोट' बना।

राष्ट्रपति चुनाव में मायावती द्वारा द्रोपदी मुर्मू को अपना समर्थन देने की वजह यह बताई थी कि वो महिला हैं और एक आदिवासी महिला का सपोर्ट कर रही हैं क्योंकि बसपा की राजनीति ही दलितों और आदिवासियों के लिए है।" और अब उप राष्ट्रपति पद के लिए जगदीप धनखड़ को अपना समर्थन देने की वजह स्पष्ट करते हुए मायावती ने ट्वीट किया, 'उपराष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव में भी व्यापक जनहित और अपनी मुहिम को ध्यान में रखकर जगदीप धनखड़ को अपना समर्थन देने का फैसला किया है और मैं आज इसकी औपचारिक घोषणा कर रही हूं।'

बहुजन समाज पार्टी का वोट शेयर घटने से बीजेपी को फ़ायदा

यहां गौरतलब है कि मायावती की बहुजन समाज पार्टी बीते करीब ढाई दशकों से बीजेपी के प्रति ज़्यादा रुझान देखा गया है। यहां यह भी गौरतलब है कि मायावती तीन बार बीजेपी के सहयोग से यूपी की मुख्यमंत्री भी बन चुकी हैं। बीते विधानसभा चुनाव में जैसा कि राजनीतिक विश्लेषकों का दावा है कि अकेले मैदान में उतरकर भी बीएसपी बीजेपी के लिए मददगार साबित हुई। बहुजन समाज पार्टी का वोट शेयर घटने से बीजेपी को सीधा फ़ायदा हुआ।

दरअसल, अगर यूपी में दलित और मुस्लिम गठजोड़ बनता है तो बीजेपी के लिए नुकसानदायक हो सकता है और माया की बीजेपी परस्त छवि से इसकी सभावनाए खारिज हो जाती है। बीजेपी भी मायावती से नज़दीकियां जाहिर करने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ती।

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