Meerut Nagar Nigam Ward No.66: मेरठ सराय वहलीम वार्ड की पार्षद सलमा मलिक, हमारे यहां 80 फीसदी समस्या का समाधान हो गया
Meerut Nagar Nigam Ward No.66 Sarai Bahleem Parshad: इस सीट की सबसे दिलचस्प बात यह है कि पिछले तीन चुनावों से यह सीट कभी सलमा मलिक जीतती हैं तो कभी उनके शौहर सलीम मलिक जीतते हैं।
Meerut Nagar Nigam Ward No.66 Sarai Bahleem Parshad: नगर निगम वार्ड-66(सराय वहलीम) पार्षद श्रीमती सलमा मलिक(46) दावा करती हैं कि उनके क्षेत्र की 80 फीसदी समस्याओं का समाधान कराया जा चुका है। बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ी सलमा मलिक 45.09 फीसदी वोट लेकर दूसरी बार पार्षद बनी हैं। उनकी जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने 2100 वोटों के अंतर से चुनाव जीता था। इतने बड़े अंतर से पार्षदी का मेरठ में चुनाव जीतने वाली वह अकेली पार्षद हैं। बता दें कि इससे पहले 2007 का चुनाव भी सलमा मलिक बड़े अंतर से जीती थीं।
इस सीट की सबसे दिलचस्प बात यह है कि पिछले तीन चुनावों से यह सीट कभी सलमा मलिक जीतती हैं तो कभी उनके शौहर सलीम मलिक जीतते हैं। मसलन,2017 के चुनाव में सलमा मलिक ने चुनाव जीता। जबकि 2012 का चुनाव उनके शौहर सलीम मलिक ने जीता। इससे पहले का चुनाव सलमा मलिक ने जीता। दूसरी खास बात यह भी है कि दंपत्ति का चुनाव जीतने का वोट अंतर बढ़ता ही जा रहा है। यानी जैसा कि पार्षद पति सलीम मलिक कहते हैं,"2007 का चुनाव मेरी पत्नी ने 1200 वोटों के अंतर से जीता। फिर 2012 का चुनाव मैने 1700 वोटों के अंतर से जीता। 2017 का चुनाव एक बार फिर मेरी पत्नी ने लड़ा और 2100 वोटों के अंतर से विजयी हुई। अगर ऊपर वाले की कृपा रही तो आने वाले चुनाव में उनकी जीत का अंतर तीन हजार से भी अधिक होगा।जीत के अंतर की बात करें तो हर बार हमने अपना ही रिकार्ड तोड़ा है। इस बार भी तोड़ेगे।"
वार्ड-66 की जनता में सलीम मलिक का गहरा प्रभाव ही है कि 50-55 हजार की आबादी वाले इस वार्ड में इस बार चुनाव में उनके सामने खड़े होने के लिए कोई भी तैयार नहीं दिख रहा है। आखिर क्यों इस बार उनके विरोधी चुनाव में खड़े होने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। इसका खुलासा भी पार्षद पति सलीम मलिक करते हैं,"धर्म-जाति और पैसे के बल पर आप एक बार चुनाव जीत सकते हैं। बार-बार नहीं। मैने यह सीट तीन बार जीती है। मैं जीतने के बाद घर पर नहीं बैठता। पूरे पांच साल क्षेत्र के लोंगो की सेवा में लगा रहता हूं। यही वजह है कि क्षेत्र के लोंग मुझे बहुत प्यार करते हैं।" उनका प्यार ही है कि मैं हर बार पिछले चुनाव के मुकाबले अधिक लीड लेकर जीता हूं।
बकौल,पार्षद पति सलीम मलिक-मेरे क्षेत्र के लोगों को इस बात से कोई मतलब नहीं है कि मैं किस पार्टी से चुनाव लड़ रहा हूं। उनका कहना तो यह है कि चुनाव में तुम कोई सा भी निशान ले आओ, हम तो तुम्हें ही वोट करेंगे। और वो ऐसा करते भी हैं। अगर ना करते तो मैं तीन बार ना जीता होता। आपके क्षेत्र में स्कूल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कितने है? इस सवाल के जवाब में पार्षद पति सलीम कहते हैं-तीन स्कूल है। इनमें एक स्कूल को तो बीएसए अभी कुछ दिन पहले बेस्ट स्कूल का अवार्ड देकर गये थे। मेरठ का यह आदर्श स्कूल है। अलबत्ता,एक नौगजा स्थित स्कूल भाडवाड़ा में शिफ्ट हो चुका है। रहा सवाल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का तो यह हमारे क्षेत्र में नहीं हैं। आपके क्षेत्र में पानी और सीवेज व्यवस्था की स्थिति क्या है? इस सवाल के जवाब में पार्षद पति कहते हैं,"मेरे वार्ड में पानी कोई कमी नहीं है। सीवर लाइन डल तो चुकी। लेकिन,अभी चालू नहीं हुई है।"
जनता आप से कब मिल सकती है। इस सवाल के जवाब में पार्षद पति कहते हैं-सुबह 10 बजे तक घर पर मिलता हूं। फिर मैं लोगों के काम से नगर निगम चला जाता जाता हूं। वहां से लौट कर फिर शाम को 7 बजे से पूरी रात तक मिलता हूं। मेरा फोन 24 घंटे चालू रहता है। रात को तीन बजे भी अगर किसी को मेरी जरुरत पड़ती है तो मैं उसके पास पहुंचने में देर नहीं लगाता। आप अपना रोल मॉडल किसे मानते हैं। इस सवाल के जवाब में पार्षद पति कहते हैं- क्षेत्र का हर बड़ा मेरे लिए आदरणीय है। छोटों को मैं प्यार करता हूं। अपने वार्ड के एक-एक सदस्य को मैं अपने परिवार का ही अंग मानता हूं। यही मेरी कामयाबी का राज भी है।