Nauchandi Mela 2023: ऐतिहासिक नौचंदी मेला एक बार फिर स्थगित, अब 15 मई से होगा शुरु
Meerut News: डीएम दीपक मीणा ने मेला स्थागित होने की पुष्टि करते हुए बताया कि नगर निगम में महापौर-पार्षदों, नगर पालिका और नगर पंचायतों में अध्यक्ष व सदस्य के चुनाव के लिए सरकारी मशीनरी लगी है। जिसके चलते नौचंदी मेले की तैयारियों को लेकर नगर निगम व प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरह से नहीं लग पाए।
Meerut News: उत्तर भारत का ऐतिहासिक नौचंदी मेला शुरु होने की तारीख एक बार फिर आगे बढ़ गई है। नगर निगम द्वारा घोषित नई तिथि 15 मई है। हालांकि नौचंदी मेले की तिथि आगे क्यों बढ़ाई गई है, इसको लेकर नगर निगम द्वारा कोई कारण नहीं बताया गया है। लेकिन, कहा जा रहा है कि निकाय चुनाव के चलते नौचंदी मेला स्थागित किया गया है। क्योंकि नगर निगम व प्रशासनिक मशीनरी चुनाव में लगी है, जिसके चलते नौचंदी मेले की तैयारी नहीं हो पा रही थी। 13 मई 2023 को निकाय चुनाव की मतगणना संपन्न हो जाएगी। जिसके बाद नगर निगम, प्रशासनिक अधिकारी नौचंदी मेले से संबंधित सभी कार्यों को पूरा कराकर 15 मई से मेले की शुरुआत कर देंगे।
मेले की तैयारियां अभी नहीं हो सकी हैं पूरी
डीएम दीपक मीणा ने मेला स्थागित होने की पुष्टि करते हुए बताया कि नगर निगम में महापौर-पार्षदों, नगर पालिका और नगर पंचायतों में अध्यक्ष व सदस्य के चुनाव के लिए सरकारी मशीनरी लगी है। जिसके चलते नौचंदी मेले की तैयारियों को लेकर नगर निगम व प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरह से नहीं लग पाए। नौचंदी मेले में होने वाले कार्यक्रम के कार्य भी अधूरे रह गए हैं। इन सभी को देखते हुए नौचंदी मेले को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
कई बार बदली गई इस प्रांतीय मेले की तारीख
परंपरा के अनुसार इस साल भी नौचंदी मेले का उद्घाटन होली से दूसरे रविवार यानी 19 मार्च को किया गया था। लेकिन कहा यह गया था कि 10 अप्रैल को मेला शुरु हो जाएगा। इसके बाद मेला शुरु होने की तारीख 23 अप्रैल घोषित की गई थी। लेकिन आज फिर मेला शुरु होने की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया। गौरतलब है कि गत वर्ष उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नौचंदी मेले को प्रांतीय मेला घोषित किया गया था। ऐसे में अबकी बार भी जिला प्रशासन और नगर निगम दोनों की देखरेख में इस मेले की सभी तैयारियों को किया जा रहा है। नौचंदी मेले को एकता का प्रतीक माना जाता है। क्योंकि नवचंडी मंदिर के नाम पर इस मेले का आयोजन किया जाता है। उसके ही सामने बाले मियां की मजार भी है। दोनों ही धर्म के लोग एक दूसरे के स्थान पर जाकर पूजा करते हैं।