Meerut News: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और बेंगलोर की कंपनी के बीच हुआ परस्पर समझौता
Meerut News: चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ का Natura Biotechnol Pvt. Ltd. Banglore का एक परस्पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ।
Meerut News: चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ का Natura Biotechnol Pvt. Ltd. Banglore का एक परस्पर समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुआ। ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य विश्विद्यालय तथा कंपनी के उपलब्ध विशेषज्ञों द्वारा Biogenic material तथा उससे नैनो पार्टिकल का उत्पादन करना और उसका चिकित्सा मे उपयोग करना शामिल है, जिसके अंतर्गत दोनों संस्थाएं परस्पर सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर शोध एवं विकास कार्यों की परियोजनाओं पर मिलकर सेमिनार, Workshop Training consultancy आदि activities को बढ़ावा देना, तथा उससे होने वाले शोध लाभ को लोगों तक पहुंचाना आदि है।
विश्वस्तरीय आधारभूत ढांचे के साथ किया जाता शिक्षण एवं शोध कार्य
विश्वविद्यालय प्रवक्ता के अनुसार चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, एक विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय है जिसमें विश्वस्तरीय आधारभूत ढांचे के साथ शिक्षण एवं शोध कार्य किया जाता है, विश्वविद्यालय में स्नातक, स्नातकोत्तर तथा डॉक्टरल स्तर पर विभिन्न शाखाओं जैसे प्राकृत विज्ञान, अभियांत्रिकी, कृषि, विधि, फैशन डिजाइन, हॉस्पिटैलीटी, होटल मैनेजमेंट, वाणिज्य आदि क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता के साथ शिक्षण कार्य तथा शोध विगत अनेकों वर्षों से चल रहा है, जबकि Natura Biotechnol Pvt. Ltd. बैंगलोर, आयुर्वेदिक औषधियों तथा उत्पादों के क्षेत्र मे एक विश्वस्तरीय तथा विश्वसनीय कंपनी है, दोनों संस्थाओ के वरिष्ठ अधिकारियों ने MoU पर हस्ताक्षर किए। जिसमें विश्वविद्यालय की ओर से विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला जी, डीन ऑफ साइंस प्रतिनिधि प्रो. जयमाला , कुलसचिव धीरेन्द्र कुमार तथा कंपनी की ओर से नम्रता शील वार्ष्णेय (Executive Director), डॉ. पंकज वार्ष्णेय (डायरेक्टर एंड CEO) तथा शेखर चतुर्वेदी (डायरेक्टर एंड COO)। शामिल थे।
दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारियों के मध्य समन्वय आदि पर किया विशेष परिश्रम
कार्यक्रम में उपस्थित प्रो. वाई. विमला प्रति कुलपति, एवं प्रो. बीर पाल सिंह विभागाध्यक्ष भौतिकी विभाग ने समझौता ज्ञापन पर सह शोध एवं विकास कार्यक्रम के लिए प्रशंसा की तथा छात्रों को मिलने वाले रोजगार तथा समाज को चिकित्सा के क्षेत्र मे होने वाले लाभ के लिए इसे भविष्य की नींव बताया, जबकि इस समझौता ज्ञापन को कराने मे भौतिकी विभाग के आचार्य प्रो. संजीव कुमार शर्मा का विशेष योगदान रहा, जिन्होंने दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारियों के मध्य समन्वय आदि पर विशेष परिश्रम किया।
प्रो. संजीव कुमार शर्मा का बायो-मैटेरियल तथा नैनो पार्टिकल पर शोध, विकास एवं चिकित्सा के क्षेत्र मे उनके उपयोग का अच्छा अनुभव है। उनके इस विषय पर अनेक शोध पत्र उच्च इम्पैक्ट फैक्टर वाले जर्नल मे प्रकाशित हो चुके हैं। प्रो. शर्मा ने अनेकों multidisciplinary क्षेत्रों मे गहन वैज्ञानिक शोध के साथ लगभग 120 से अधिक शोध पत्रों के साथ अनेकों पेटेंट उनके नाम हैं। यह विश्वविद्यालय तथा कंपनी दोनों संस्थाओं के लिए एक नयी शोध क्रांति का शुभारंभ है।