Meerut News: बहुजन समाज पार्टी में नहीं चल रहा सब कुछ ठीक, मची है अफरा-तफरी

Meerut News: मेरठ में मोहित आनंद के स्थान पर मेरठ संगठन के जिला अध्यक्ष के पद पर पाल समाज से बसपा के पूर्व पार्षद जयपाल सिंह पाल को जिला अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। क

Report :  Sushil Kumar
Update: 2023-10-18 07:47 GMT

Bsp Mohit Anand  (photo: social media )

Meerut News: बहुजन समाज पार्टी में इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है। अफरा-तफरी का माहौल है। कोई पार्टी छोड़ कर जा रहा है तो किसी को पार्टी बाहर का रास्ता दिखा रही है। इस क्रम में बहुजन समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष मोहित आनंद को आज मेरठ से हटकर बागपत जिले का प्रभारी नियुक्त किया गया है। मोहित आनंद के अलावा मेरठ -सहारनपुर-मुरादाबाद मंडल के कोऑर्डिनेटर राजकुमार गौतम से भी बसपा नेतृत्व द्वारा मेरठ मंडल की जिम्मेदारी छीन ली गई है। इससे पहले बसपा वेस्ट यूपी की मुस्लिम राजनीति में खासा असर रखने वाले पूर्व विधायक इमरान मसूद को बाहर का रास्ता दखा चुका है। गाजियाबाद के जाट नेता धर्मवीर चौधरी को पार्टी की ओर से मीडिया और टीवी बहस में भाग लेने के लिए निष्कासित कर दिया गया था। वे 27 सालों से पार्टी से जुड़े हुए थे। वहीं पड़ोस के मुजफ्फरनगर के पार्टी के बड़े और पुराने नेता जिया उर रहमान ने हाथी की सवारी छोड़ दी है। ढाई दशक से अधिक समय से पार्टी की सेवा कर रहे बसपा के पूर्व मेरठ-सहारनपुर कोऑर्डिनेटर जिया उर रहमान के बारे में कहा जा रहा है कि वें आरएलडी में शामिल होंगे।

मेरठ में मोहित आनंद के स्थान पर मेरठ संगठन के जिला अध्यक्ष के पद पर पाल समाज से बसपा के पूर्व पार्षद जयपाल सिंह पाल को जिला अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। कहा जा रहा है कि ओबीसी जातियों को साधने के लिए पाल की नियुक्ति की गई है। पार्टी नेतृत्व ने मोहित आनंद को जिस तरह अप्रत्याशित रुप से मेरठ जैसे प्रमुख जनपद से हटा कर बागपत जैसे छोटे जनपद का अध्यक्ष बना कर भेजा है,उसकी पार्टी हलको में सर्वत्र चर्चा हो रही है। बसपाई हलकों में मोहित आनंद की नई तैनाती को एक सजा के रुप में देखा जा रहा है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही मोहित आनंद ने पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर मंडल कोऑर्डिनेटर प्रशांत गौतम सहित तीन लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था। यहां गौरतलब है कि प्रशांत गौतम को इससे पहले मई महीने में पार्टी से निकाला गया था। लेकिन कुछ ही दिन बाद उनकी निष्कासन की कार्रवाई वापस हो गई थी।

बसपा में मची अफरा-तफरी 

ऐसे में जबकि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। सभी राजनीतिक दलों के नेता इसके लिए रणनीति तैयार करने में जुटे हैं। वहीं बसपा में मची अफरा-तफरी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। लोकसभा चुनाव से कई महीने पहले ही अपने अधिकांश उम्मीैदवारों का ऐलान कर देने वाली बसपा चुनावी तैयारियों के मामले में उत्तर प्रदेश में सबसे पिछड़ी हुई दिख रही है। कहा तो यह भी जा रहा है आने वाले समय पार्टी में बड़ी भगदड़ मचने वाली है। पश्चिमी उत्तार प्रदेश के एक वरिष्ठ नेता चिंता जताते हुए कहते हैं,अगर यही हालत रही तो बसपा को प्रदेश में जिताऊ उम्मीहदवार तक नहीं मिलेंगे।

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