Meerut News: भाजपा द्वारा दिल्ली में रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाए जाने से यूपी के जाटों में नाराजगी

Meerut News: राष्ट्रीय जाट महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित जाखड अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए इतना ही कहते हैं कि जिस समाज(जाट) ने दिल्ली में 27 वर्ष बाद भाजपा का सत्ता का सूखा खत्म किया,उस समाज को देने के समय दरकिनार कर दिया गया।;

Report :  Sushil Kumar
Update:2025-02-20 19:40 IST

Meerut Rohit Jakhad News (Photo Social Media)

Meerut News: आखिरकार रेखा गुप्ता ने केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। रेखा गुप्ता के साथ ही उनकी कैबिनेट के छह मंत्रियों ने भी रामलीला मैदान में आयोजित विकसित दिल्ली शपथ समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। शपथ लेने वाले मंत्रियों में सीएम पद के मजबूत दावेदार माने जाते रहे प्रवेश वर्मा का नाम भी शामिल है।

प्रवेश वर्मा को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से जाट समुदाय में गहरी नाराजगी देखी जा रही है। जाट समाज की तरफ से राजनीतिक हलकों में सवाल पूछा जा रहा है कि तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराकर अरविंद केजरीवाल तीन बार मुख्यमंत्री बन सकते हैं, तो एक बार प्रवेश वर्मा क्यों नहीं बन सकते थे ? बता दें कि बीजेपी की ओर से केजरीवाल को चुनाव में शिकस्त देने वाले एवं पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से दो बार के सांसद प्रवेश वर्मा बीजेपी का प्रमुख जाट चेहरा हैं

राष्ट्रीय जाट महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित जाखड अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए इतना ही कहते हैं कि जिस समाज(जाट) ने दिल्ली में 27 वर्ष बाद भाजपा का सत्ता का सूखा खत्म किया,उस समाज को देने के समय दरकिनार कर दिया गया। इस जाट नेता के अनुसार हरियाणा,राजस्थान के बाद अब दिल्ली में भाजपा ने दिल्ली में जाटों के साथ जैसा सलूक किया है उस पर कौम के रहबरों के लिए चिंतन और मंथन का समय हैं।

दिल्ली की राजनीति में जाट एक समय ताक़तवर राजनीतिक शक्ति हुआ करते थे। 1996 में साहिब सिंह वर्मा के रूप में दिल्ली को पहला जाट मुख्यमंत्री मिला। समय के साथ दिल्ली में शहरी इलाक़े बढ़ते चले गए और राजनीति में जाटों का प्रभाव कम होता चला गया। दिल्ली की 70 में से लगभग 10 सीटों पर जाट अपना असर रखते हैं। ये सीटें हैं- महरौली, नजफ़गढ़, बिजवासन, पालम, मटियाला, विकासपुरी, नांगलोई जाट, नरेला, रिठाला और मुंडका हैं।

जाट राजनीति पर अच्छी खासी पकड़ रखने वाले मेरठ रे वरिष्ठ पत्रकार डा.रविन्द्र राणा कहते हैं,भाजपा का फॉर्मूला साफ है – "जीत भले ही जाटों के साथ मिलकर मिली हो, लेकिन चेहरा ऐसा हो जो सभी को स्वीकार्य हो।" ऐसे में प्रवेश वर्मा का सीएम बनना पहले ही मुश्किल दिख रहा था। और हुआ भी वही। दरअसल,भाजपा ने दिल्ली में भी यूपी जैसी रणनीति अपनाई है, जहां जाटों को सम्मान तो मिलेगा, लेकिन मुख्यमंत्री पद नहीं।

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