Meerut News: डॉ वत्सला तोमर ने कहा- खेत खलियान की निगरानी कर कृषि को स्मार्ट बनाएगा एआई

Meerut News: मेरठ में डॉ वत्सला तोमर ने कहा कि बिग डाटा और एआई तकनीक की खेत खलियानों , स्वचालित स्मार्ट सिंचाई प्रणाली, रोग कीट का पता लगाना इत्यादि निगरानी सम्बन्धी जटिल कार्यों को सहजता से पूर्ण करने में बड़ी भूमिका रहने वाली है।

Report :  Sushil Kumar
Update: 2024-02-08 14:24 GMT

मेरठ मे डॉ वत्सला तोमर ने कहा- खेत खलियान की निगरानी कर कृषि को स्मार्ट बनाएगा एआई: Photo- Social Media

Meerut News: उत्तर प्रदेश के जनपद मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर स्थित सर छोटू राम अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के कंप्यूटर साइंस एवं एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग विभाग के संयुक्त तत्वाधान में ऑनलाइन मोड में संचालित 6 दिवसीय एफडीपी के आज चौथे दिन के अंतिम सत्र में आईआईएमटी विश्वविद्यालय मेरठ की एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर वत्सला तोमर ने पीपीटी के माध्यम से एफडीपी में हिस्सा ले रहे सैकड़ो शिक्षकों को अपने वक्तव्य के दौरान बताया कि वर्तमान और भविष्य की टेक्नोलॉजी बिगडाटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग के माध्यम से किस प्रकार समसामयिक कृषि पद्धतियों में सुधार लाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि बिग डाटा और एआई तकनीक की खेत खलियानों , स्वचालित स्मार्ट सिंचाई प्रणाली, रोग कीट का पता लगाना इत्यादि निगरानी सम्बन्धी जटिल कार्यों को सहजता से पूर्ण करने में बड़ी भूमिका रहने वाली है।

एग्रीकल्चर को स्मार्ट एग्रीकल्चर बनाने पर जोर दिया गया

बता दें कि कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने भारत में किसानों की सहायता के लिए कृषि क्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्रणालियों को नियोजित किया है। इससे पहले चौथे दिन के पहले सत्र के मुख्य वक्ता व अग्रसेन इंस्टीट्यूट आईपी युनिवर्सिटी, नईदिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर आशीष खन्ना ने आईओटी तकनीक के माध्यम से वर्तमान एग्रीकल्चर को स्मार्ट एग्रीकल्चर कैसे बनाया जाए पर प्रकाश डाला। दूसरे सत्र में अमनउल्ला इंस्टीट्यूट पठानकोट के प्राचार्य डॉ रजत अरोड़ा ने एग्रीकल्चर इंजिनियरिंग के क्षेत्र में बिग डाटा का बड़ा रोल बताया।

एफडीपी के सहसंयोजक इंजीनियर जे आर बेंथम तथा संयोजक इंजीनियर मिलिंद ने सभी अतिथियों व एफडीपी में हिस्सा ले रहे प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया । कार्यक्रम को सफल बनाने में टेक्निकल टीम व आयोजक मंडल की ओर से डॉक्टर स्वाति अग्रवाल, इंजिनियर नीलम, डॉक्टर कपिल, डॉक्टर सुशील, इंजीनियर कवि भूषण, इंजीनियर जेएसकांत, डॉक्टर शोभित सक्सैना, डॉक्टर रूपल चौधरी, इंजीनियर प्रवीण कुमार, आशीष और विकल यादव का सहयोग रहा।

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