Meerut News: दुकान पंसारी की बेच रहे वन्य जीवों के अवशेष, कई जीवों की हड्डियां और अंग बरामद

Meerut News: दुकानों पर वन्य जीव के अंग व उनका इस्तेमाल कर बनाई गई देशी जड़ी बूटी बेची जा रही है। इस सूचना के आधार पर मेरठ वन विभाग की एसडीओ अंशु चावला के नेतृत्व में दो दुकानों से विभिन्न प्रकार के जीव अवशेष प्राप्त किए है ।

Update:2023-09-05 13:31 IST
Meerut News (photo: social media )

Meerut News: गोपनीय सूचना पर वन विभाग की टीम द्वारा सागासा बाजार स्थित पंसारी की दुकानों पर व्यापारियो के हंगामे के बीच छापामारी की गई। इस दौरान टीम ने दो दुकानों से वन्य जीवों के अंग बरामद किये हैं।

डीएफओ राजेश कुमार ने आज न्यूजट्रैक को बताया कि वन विभाग को शिकायत मिली थी कि यहां दुकानों पर वन्य जीव के अंग व उनका इस्तेमाल कर बनाई गई देशी जड़ी बूटी बेची जा रही है। इस सूचना के आधार पर मेरठ वन विभाग की एसडीओ अंशु चावला के नेतृत्व में वन विभाग की टीम एवं स्थानीय पुलिस की जो टीम द्वारा सहगासा कोतवाली क्षेत्र की दो दुकानों से विभिन्न प्रकार के जीव अवशेष प्राप्त किए है जिसमे मुख्यत विभिन्न प्रकार की हड्डियां , सेही कांटे, समुद्री जीव के scales जैसे अवशेष, विभिन्न छिपकली प्रजाति के अवशेष आदि शामिल हैं।

परीक्षण हेतु भेजा जाएगा देहरादून

डीएफओ ने बताया कि अवशेषों की जांच/ साइंटिफिक परीक्षण हेतु उन्हे देहरादून वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया देहरादून भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि कुछ स्थानीय दुकानदारो द्वारा विधिक कार्य को रोकने का प्रयास भी किया गया। लेकिन, मौके पर पुलिस होने के कारण दुकानदारो का विरोध सफल नहीं हो सका। वन विभाग की टीम द्वारा समस्त कार्यवाही वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की सुसंसंगत धाराओं एवं वन्यजीव संरक्षण की गाइडलाइंस अनुसार की गई। डीएफओ के अनुसार यदि अवशेषों में किसी प्रतिबंधित वन्यजीव के अवशेष की पुष्टि होगी तो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत विधिक कार्यवाही की जाएगी। इस कार्य में विशेषज्ञों की सलाह भी ली जा रही हैं।

व्यापारियों का किया जा रहा उत्पीड़न

वहीं वन विभाग की टीम की छापामारी का विरोध कर रहे दुकानदारों का कहना था कि जो सामान वन विभाग की छापामारी टीम ने बरामद किया है वह खुलेआम बेचा जा रहा है, यह गैरकानूनी नहीं है। संयुक्त व्यापार संघ अध्यक्ष अजय गुप्ता की इस संबंध में अधिकारियों से फोन पर वार्ता कर कहा कि व्यापारियों का बेवजह उत्पीड़न किया जाए।

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