Meerut News: जाटों के बाद अब पश्चिमी यूपी के क्षत्रिय समाज ने दिखाई अपनी ताकत, कम राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिलने पर जताई नाराजगी

Meerut News: बैठक में क्षत्रिय हितों के संरक्षण हेतु सवर्ण आयोग का गठन, नौकरियों एवं परीक्षाओं में आयु सीमा में छूट देने की मांग की गई। लोकसभा चुनाव में क्षत्रिय समाज के उम्मीदवारों के पक्ष में एकजुट होकर मतदान करने की अपील की गई।

Report :  Sushil Kumar
Update:2023-10-15 18:40 IST

जाटों के बाद अब पश्चिमी यूपी के क्षत्रिय समाज ने दिखाई अपनी ताकत, कम राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिलने पर जताई नाराजगी: Video- Newstrack

Meerut News: 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले पश्चिमी यूपी में भी जातियों के इर्द-गिर्द चुनावी ताने-बाने बुने जा रहे हैं। इस क्रम में जाटों के बाद अब ठाकुर वोटरों को रिझाने की कवायद भी तेज हो गई है। इसी क्रम में रविवार को मेरठ के स्पोर्ट्स क्लब साकेत में ठाकुर समाज अपनी ताकत दिखाने के लिए बड़ी संख्या में जुटा। राजपूत उत्थान सभा द्वारा आयोजित इस बैठक में मुख्य अतिथि के रुप में पूर्व विधायक एवं बीजेपी के फायर ब्रांड नेता ठा. संगीत सोम के अलावा मेरठ समेत पश्चिमी यूपी के ठाकुर समाज के बड़े नेता भी मौजूद रहे। इस मौके पर संगीत सोम ने अपने संबोधन में कहा कि वे क्षत्रिय समाज के साथ उनके हितों के समर्थन में सदैव तत्पर रहेंगे।

बैठक में क्षत्रिय समाज के लिए आरक्षण की मांग

अंतरराष्ट्रीय जाट संसद के बाद आज हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राजपूत उत्थान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर अजय सिंह व संचालन प्रख्यात कवि अमित शर्मा ने किया। बैठक में क्षत्रिय समाज को उसकी जनसंख्या के अनुपात में अत्यन्त कम राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिलने पर चिंता जताने के अलावा क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास का विकृतिकरण बंद करने तथा पाठ्यक्रम में समुचित स्थान दिए जाने की मांग की गई। बैठक में क्षत्रिय हितों के संरक्षण हेतु सवर्ण आयोग का गठन, नौकरियों एवं परीक्षाओं में आयु सीमा में छूट देने की मांग की गई। बैठक में आने वाले लोकसभा चुनाव में क्षत्रिय समाज के उम्मीदवारों के पक्ष में क्षत्रिय समाज से एकजुट होकर मतदान करने की अपील की गई। बैठक में विभिन्न राजनेताओं द्वारा राष्ट्रभक्त क्षत्रिय समाज पर ओछी टिप्पणी नहीं करने की चेतावनी भी दी गई।


सियासी खेल बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखती है-

बता दें कि पश्चिमी यूपी की सियासत में भले ही मुस्लिम, जाट और जाटव समुदाय को अहम माना जाता है, लेकिन इसके अलावा यहां तमाम ऐसी जातियां हैं, जो भले ही अपने दम पर जीतने की ताकत नहीं रखती हैं लेकिन दूसरी जातियों के साथ मिलकर सियासी खेल बनाने और बिगाड़ने की ताकत जरूर रखती हैं। ऐसे ही जातियों में ठाकुर समाज भी शामिल है।

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