Meerut News: सपा विधायक शाहिद मंजूर के भाई की 24 बीघा जमीन कुर्क, मंत्री रहते जमीन कब्जाने का था आरोप

Meerut News: गंग नहर की राज्य संपत्ति पर सपा एमएलए और उसके भाई का कब्जा चल रहा था। भाई द्वारा उपयोग में लाई जा रही जमीन को तहसील प्रशासन ने कुर्क कर लिया है। पूर्व मंत्री ने इस जमीन का 2012 में बैनामा कराया गया था।

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Update:2023-05-31 04:11 IST
(Pic: Newstrack)

Meerut News: उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और जिले की किठौर विधानसभा से सपा विधायक शाहिद मंजूर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। गंग नहर की राज्य संपत्ति पर सपा एमएलए और उसके भाई का कब्जा चल रहा था। भाई द्वारा उपयोग में लाई जा रही जमीन को तहसील प्रशासन ने कुर्क कर लिया है। पूर्व मंत्री ने इस जमीन का 2012 में बैनामा कराया गया था। तहसीलदार मवाना आकांक्षा जोशी ने बताया कि 2022 में पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर द्वारा जमीन कब्जाने की शिकायत की गई थी। इसमें शिकायतकर्ता ने बताया था कि सरकारी भूमि पर वर्तमान में पूर्व मंत्री के भाई मो. आरिफ पुत्र मंजूर अहमद का कब्जा था। इन दोनों ही पक्षों में विवाद हुआ था। इसकी एसडीएम मवाना के निर्देशन में कुर्की की कार्रवाई की गई है। फसल की नीलामी के लिए जो भी आवश्यक प्रक्रिया है, वह भी शीघ्र पूरी कर ली जाएगी।

लखनऊ के बहुचर्चित अलाया अपार्टमेंट मामले में आया था नाम

बता दें कि अप्रैल माह में पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर और उनके बेटे का नाम लखनऊ के बहुचर्चित अलाया अपार्टमेंट मामले में सामने आया था। अप्रैल माह में शाहिद मंजूर की एक फोटो कुख्यात माफिया अतीक अहमद के साथ वायरल हुई थी। तब पूर्व मंत्री ने सफाई देते हुए कहा था कि वे फोटो किसी कार्यक्रम में मिले होंगे। एडीएम मवाना अखिलेश कुमार का कहना है कि अभिलेखों में यह जमीन सिंचाई विभाग के नाम है। स्कूल ट्रस्ट के नाम इस जमीन का बैनामा कैसे कराया गया है। इसके बारे में विधायक परिवार कोई संतुष्ट जवाब नहीं दे सका। जांच पूरी होने तक जमीन पर प्रशासन का कब्जा रहेगा।

सरकारी अभिलेखों में यह जमीन सिंचाई विभाग की

राधना के स्कूल डॉ. राम मनोहर लोहिया के प्रबंधक सपा विधायक शाहिद मंजूर के भाई हाजी आरिफ हैं। एडीएम मवाना ने बताया कि स्कूल और उसके आसपास करीब 24 बीघा जमीन है। एक बीघा जमीन में स्कूल है, जबकि अन्य जमीन पर खेती होती है। लिखापढ़ी में इस स्कूल को हाईस्कूल की मान्यता मिली हुई है। इंटरमीडिएट में साइंस विषयों के लिए स्कूल ने आवेदन किया हुआ है। यह सारी जमीन स्कूल ट्रस्ट के नाम बैनामा होना बताया है। सरकारी अभिलेखों में यह जमीन सिंचाई विभाग की है। स्थानीय लोगों की शिकायत पर जांच की गई। सपा विधायक परिवार ने जमीन की 1994 में राज्यपाल से परमिशन लेकर सिंचाई विभाग के इंजीनियर से बैनामा करने का दावा किया है। दस्तावेज न देने पर प्रशासन ने स्कूल को छोड़कर बाकी जमीन को कुर्क कर लिया है। इस जमीन पर खड़ी फसल (गन्ना) को प्रशासन ने कटवा दी। उसकी रकम मालखाने में जमा करा दी है।

पूर्व कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर का इस मामले में कहना है कि यह जमीन सिंचाई विभाग की डाक बंगला के नाम से थी। इसमें कोठी, अस्तबल और जमीन, तीन पट्टे हैं। तीनों पट्टे डॉ. राम मनोहर लोहिया स्कूल के नाम हो गए। गवर्नर से इसकी परमिशन हुई है। जमीन कागजों में ट्रांसफर हो गई। साल 2002 के बाद जब मैं एमएलए बना तो राज्यसभा सदस्यों से पैसे लेकर इसमें बिल्डिंग बनवाई। स्कूल को इंटरमीडिएट तक कराया और इसका बैनामा कराया।

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