Meerut News: मछली पकड़ने वाले मेरठ के दो शातिर दबोचे, वन विभाग ने लगाया एक लाख का जुर्माना

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ में प्रतिबंध के बावजूद गंगा नदी में मछलियों का शिकार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। ऐसे ही दो शिकारियों को वन विभाग ने पकड़ा है जो कि मछलियों का शिकार कर गाड़ी में रखकर ले जा रहे थे। तलाशी में इनकी गाड़ी से कई क्विंटल मरी हुई मछलियां मिलीं, जिन्हें दफना दिया गया।

Report :  Sushil Kumar
Update: 2024-01-11 16:30 GMT

मछली पकड़ने वाले मेरठ के दो शातिर दबोचे, वन विभाग ने लगाया एक लाख का जुर्माना: Photo- Newstrack

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ में प्रतिबंध के बावजूद गंगा नदी में मछलियों का शिकार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। ऐसे ही दो शिकारियों को वन विभाग ने पकड़ा है जो कि मछलियों का शिकार कर गाड़ी में रखकर ले जा रहे थे। तलाशी में इनकी गाड़ी से कई क्विंटल मरी हुई मछलियां मिलीं, जिन्हें दफना दिया गया।

डीएफओ राजेश कुमार ने आज शाम बताया कि मुखबिर की सूचना पर गाड़ी में मछलियां भरकर ले जा रहे दो शातिरों को वन विभाग द्वारा पकड़ा गया है। डीएफओ के अनुसार कल हस्तिनापुर क्षेत्र में क्षेत्रीय वन अधिकारी श्री रविकांत चौधरी को मुख़बिर के द्वारा सुचना मिली कि ग्राम जलालपुर जोरा में गंगा नदी के नाले में कुछ लोग मछलियों का शिकार कर गाड़ी में रखकर ले जा रहे है।

इस सूचना पर क्षेत्रीय वन अधिकारी हस्तिनापुर वन कर्मियों के साथ तुरन्त मौके पर पहुंचे तथा गाड़ी में बैठे दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया। दोनों अभियुक्तों को गाड़ी तथा मछली के साथ हिरासत में ले कर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1927 की धारा 9, 27, 29, 39, 50, 51 के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज कर दी गयी है तथा उन दोनों से एक लाख रूपये का प्रतिकर जमा कराया।


हस्तिनापुर वन्य अभ्यारण क्षेत्र में निरंतर गस्त

वन्य जीव अपराध पर प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग मेरठ राजेश कुमार ने बताया कि गंगा नदी से मछली का शिकार करना अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने लोगो से अपील की, कि कही भी मछली या अन्य वन्य जीव अपराध की सूचना विभाग को दें। उन्होंने बताया कि सेंचुरी में मछली के साथ-साथ किसी भी वन्य जीव का शिकार करना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि हस्तिनापुर वन्य अभ्यारण क्षेत्र में निरंतर गस्त की जा रही है। वनों एवं वन्यजीवों को क्षति पहुंचाने वालों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा।

गंगा किनारे रहने वाले लोगों ने बताया कि गंगा में मछलियों का शिकार करने वाले गंगा में जाल डालकर चले जाते हैं और एक दो दिन बाद आकर जाल निकालते हैं, तब तक तमाम मछलियां उसमें फंस जाती हैं। जहां कहीं देखिए, जाल पानी के अंदर पड़े होते हैं।

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