UP Nikay Chunav 2023: जब घोषणा पत्र ही नहीं कर सके पेश, हकीकत कैसे बनेंगे वादें!

UP Nikay Chunav 2023: चुनाव प्रचार के दौरान मेरठ को इंदौर की तरह चमकाने का वादा करने वाले बीजेपी के मेयर प्रत्याशी हरिकांत अहलूवालिया चुनाव प्रचार खत्म होने तक भी घोषणा पत्र पेश नहीं कर सके। यही हाल मेयर का चुनाव लड़ रहे अन्य दलों के प्रत्याशियों का भी रहा।

Update: 2023-05-10 17:33 GMT
UP Nikay Chunav 2023 (Pic: Social Media)

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ में आम लोग इस बात से खफा है कि कोई भी खासकर मेयर उम्मीदवार चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र पेश नहीं कर सका। चुनाव प्रचार के दौरान मेरठ को इंदौर की तरह चमकाने का वादा करने वाले बीजेपी के मेयर प्रत्याशी हरिकांत अहलूवालिया चुनाव प्रचार खत्म होने तक भी घोषणा पत्र पेश नहीं कर सके। यही हाल मेयर का चुनाव लड़ रहे अन्य दलों के प्रत्याशियों का भी रहा। सभी प्रत्याशी मौखिक रुप से जनता से शहरी विकास का दावा करते रहे। प्रचार खत्म हो गया लेकिन अंत तक किसी प्रत्याशी का भी घोषणा पत्र सामने नहीं आया। निर्दलीय प्रत्याशियों की तो खैर अलग बात है लेकिन,राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों से लोगों को घोषणा पत्र जारी करने की उम्मीद थी।

सिर्फ वादों का चलता रहा दौर, लिखा-पढ़ी में कुछ नहीं

मेरठ में जहां बीजेपी मेयर प्रत्याशी हरिकांत अहलूवालिया पूरे प्रचार अभियान को दौरान मौखिक रुप से शहर को इंदौर बनाने का वादा करते रहे। वहीं आम आदमी पार्टी हाउस टैक्स हाफ और जलकर माफ, दिल्ली की तर्ज पर विकास के नारे लगाती रही। यही हाल सपा का रहा। सपा भी शहर को स्मार्ट सिटी बनाने का वादा करती रही, लेकिन कैसे करेगी। इस बारे में कुछ नहीं बताया। सपा प्रत्याशी का चुनाव प्रचार बीजेपी विरोध में ही केन्द्रित रहा। यही हाल कांग्रेस मेयर उम्मीदवार नसीम कुरैशी का रहा। नसीम कुरैशी जीतने पर शहर को स्मार्ट सिटी बनाने का वादा पूरे चुनाव प्रचार के दौरान करते रहे।

हालांकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने यूपी निकाय चुनाव के लिए अपना 18 सूत्री घोषणापत्र जारी किया था। जिसमें आम नागरिकों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा, हर व्यक्ति को फ्री में पानी जैसे तमाम वादे किए गए थे, लेकिन स्थानीय स्तर पर घोषणा पत्र कांग्रेस द्वारा जारी नहीं किया गया। मेयर उम्मीदवारों द्वारा चुनाव घोषणा पत्र जारी नहीं करने पर आम लोगों का यही कहना शहर को स्मार्ट क्या बनाएंगे,विकास का घोषणा पत्र तक नहीं बना पाए।

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