UP Nikay Chunav 2023: क्या जाटों की नाराज़गी पड़ेगी बीजेपी को भारी, जानिए क्या कहते हैं चुनावी समीकरण

UP Nikay Chunav 2023: भाजपा से मनिन्दरपाल सिंह अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक,अंकित चौधरी सदस्य रेल मंत्रालय भारत सरकार, पूर्व महानगर अध्यक्ष सचिन सिरोही,तनुराज सिरोही आदि जाट नेता टिकट की लाइन में थे। लेकिन,जब टिकट का लिफाफा खुला तो उसमें नाम पूर्व मेयर हरिकांत अहलूवालिया का था।

Update:2023-05-10 00:05 IST
UP Nikay Chunav 2023

Meerut News: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा जाटों को लेकर परेशान हैं। दरअसल, मेरठ में जाट मतदाताओं की संख्या करीब एक लाख बताई जाती है। ऐसे में मेरठ की सीट ओबीसी कोटे में जाने के बाद जाट इस बात की उम्मीद कर रहे थे कि खासकर बीजेपी से मेयर का टिकट किसी जाट को ही मिलेगा। भाजपा से मनिन्दरपाल सिंह अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक,अंकित चौधरी सदस्य रेल मंत्रालय भारत सरकार, पूर्व महानगर अध्यक्ष सचिन सिरोही,तनुराज सिरोही आदि जाट नेता टिकट की लाइन में थे। लेकिन,जब टिकट का लिफाफा खुला तो उसमें नाम पूर्व मेयर हरिकांत अहलूवालिया का था।

‘जाट समाज को मेयर पद से वंचित रखा जाना दुर्भाग्यपूर्ण’

उप्र जाट समाज के अध्यक्ष चौधरी अमन सिंह कहते हैं, अब तक जाट समाज को मेयर पद से वंचित रखा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसलिए ही पहले दिन से जाट समाज के लोग भाजपा के मेयर प्रत्याशी हरिकांत अहलूवालिया का विरोध कर रहे हैं। जाटों की नाराजगी की वजह मेयर टिकट तो है ही, जाट महिला पहलवानों को लेकर भाजपा की आईटी सेल द्वारा चलाई जा रही मुहिम भी है। इस मुहिम से भी जो कि जाट बिरादरी के खिलाफ है जाटों में नाराजगी बढ़ी हैं। क्योंकि महिला जाट बिरादरी से हैं तथा उनके खिलाफ जिस तरह के बयान भाजपा नेताओं के आ रहे हैं, उससे भी जाट बिरादरी की नाराजगी बढ़ रही है।

पंजाबी समाज टिकट वितरण से संतुष्ट

उधर, समाज के लोग भाजपा द्वारा हरिकांत अहलूवालिया को टिकट दिये जाने को गलत नहीं बता रहे हैं। जैसा कि संयुक्त पंजाबी संघ के अध्यक्ष सुरेश छाबड़ा कहते हैं ‘पंजाबी समाज की महानगर में 1.5 लाख मत हैं। इसको देखते हुए भाजपा द्वारा पंजाबी समाज के हरिकांत अहलूवालिया को टिकट दिया जाना गलत कैसे हो सकता है। बहरहाल,जाटों के मनाने की मुहिम भाजपा के प्रदेश मुखिया भूपेंद्र चौधरी ने संभाली हुई है। उन्होंने अपने साथ जनपद के जाट नेताओं को भी लगा रखा है। लेकिन,जैसा कि सूत्रों का कहना है कि इस मुहिम को अपेक्षित कामयाबी नहीं मिल पा रही है। जाहिर सी बात है कि चुनाव में पार्टी के प्रदेश मुखिया भूपेन्द्र चौधरी समेत तमाम जाट नेताओं की प्रतिष्ठा जुड़ी है। गौरतलब है कि प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह के अलावा पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल भी जाट थे।

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